शासन द्वारा एल.बी.संवर्ग के शिक्षक पद पर पदोन्नति हेतु 31 जनवरी तथा प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति हेतु 5 फरवरी तक समय सीमा तय किया गया था।जिसमें कोरबा जिला के हजारों सहायक शिक्षकों का शिक्षक एवं प्रधान पाठक पद पर पदोन्नत होते परंतु शासन द्वारा निर्धारित समय में कोरबा जिला में पदोन्नति नहीं हो पाई।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष मनोज चौबे ने बड़े सवाल खड़ा किया कि बस्तर संभाग,कांकेर,दुर्ग,बेमेतरा अन्य जिलों में शिक्षक पदोन्नत हुए मगर कोरबा जिला के हजारों शिक्षक पदोन्नति के लाभ से वंचित हो गए आखिर इसका जिम्मेदार कौन?ज्ञात हो कि पदोन्नति हेतु शासन द्वारा एलबी संवर्ग के शिक्षक पद पर पदोन्नति हेतु 31 जनवरी तथा प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति हेतु 5 फरवरी का समय सीमा तय किया गया था इस तिथि तक पदोन्नति की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण करना था। लेकिन इस तिथि तक दावा आपत्ति पश्चात त्रुटि रहित वरिष्ठता सूची तक जारी नहीं हो पाया।जिससे शिक्षक भारी आक्रोशित है। शिक्षकों के पदोन्नति प्रक्रिया को माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा आगामी सुनवाई 21 फरवरी तक रोक लगाया गया है।
संघ के सक्रिय जिलाध्यक्ष मनोज चौबे ने जिला शिक्षा अधिकारी गोवर्धन भारद्वाज को संघीय पत्र लिखकर न्यायालय स्थगन हटने के पूर्व जिला स्तरीय एकीकृत एवं अंतिम वरिष्ठता सूची की तैयारी पूर्ण कर जारी करने की मांग की गई।ताकि आगामी पदोन्नति प्रक्रिया में पूर्व की भांति विलंब ना हो।पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संभाग प्रभारी बसंत चतुर्वेदी के नेतृत्व एवं कोरबा जिला अध्यक्ष मनोज चौबे की उपस्थिति में संयुक्त संचालक से दो स्तर में डेलिगेशन भी हुआ। संघ का कहना है कि पदोन्नति प्रक्रिया में जिला शिक्षा अधिकारी गंभीरता से प्रक्रिया पूर्ण कर रहे थे लेकिन कई विकास खण्डों से त्रुटि रहित वरिष्ठता सूची जिला को निर्धारित समय में नहीं भेजे गए। यहां तक कि दवा पति के बाद सूची में पूर्ण सुधार तक नहीं किया गया।जिले के कुछ बीईओ इस मामले में उदासीनता दिखाई पड़े। संघ के जिलाध्यक्ष मनोज चौबे ने दावा किया कि शासन द्वारा निर्धारित समय में यदि सभी बीईओ द्वारा त्रुटि रहित वरिष्ठता सूची जिला में जमा कर दिये होते तो बस्तर संभाग,कांकेर,दुर्ग,बेमेतरा जिला जैसे कोरबा जिला के हजारों शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ अवश्य मिल पाता।