राज्य से शिक्षाकर्मी प्रथा का खात्मा… सम्पूर्ण संविलियन के लिए संविलियन के असली नायक भूपेश बघेल का कोटि-कोटि आभार… धन्यवाद….प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू

0
423

 

रायपुर //-आज छत्तीसगढ़ राज्य से शिक्षाकर्मी प्रथा का पूर्णतः अंत हो गया है…. प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार ने चुनावी जनघोषणा पत्र में किए गए अपने एक बड़े वादे को आज पूर्ण कर दिया है जिसके तहत राज्य के संविलियन से वंचित सभी 16 हजार शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन हो गया है। अब आज से प्रदेश के सभी शिक्षक….. सहायक शिक्षक, शिक्षक एवँ व्याख्याता कहलाएंगे।
“छत्तीसगढ़ प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ” के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू एवँ प्रदेश पदाधिकारीद्वय भोजकुमार साहू, शिवमोहन साहू, ऋषिसिंह देव राजपूत एवँ कमरुद्दीन शेख आदि ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि संविलियन से वंचित हजारों शिक्षाकर्मियों की पीड़ा को आज राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने हमेशा-हमेशा के लिए दूर कर दिया है जिसके लिए राज्य सरकार एवँ कैबिनेट में मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों सहित सत्ताशीन सरकार के सभी सम्माननीयों एवँ मित्रों को दिल से बहोत-बहोत धन्यवाद… धन्यवाद… धन्यवाद… आभार… आभार… आभार…. साथ ही साथ संविलियन हो रहे राज्य के सभी 16 हजार नए शिक्षक साथियों को दिल से गाढ़ा-गाढ़ा बधाई…. बधाई….. बधाई…..
*सबका संविलियन प्राथमिक शिक्षकों की देन, संविलियन के लिए हजारों प्राथमिक शिक्षकों ने किया था ऐतिहासिक आंदोलन:-*
आज राज्य में शिक्षाकर्मी प्रथा का जो अंत हुआ है और संविलियन से वंचित 16 हजार शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन हुआ है… वह प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 1,09,000 प्राथमिक शिक्षक साथियों की देन है।
जब 2018 में तात्कालीन रमन सिंह सरकार ने राज्य के शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया तो 8 वर्ष का बंधन लगाकर हम नए और पुराने शिक्षक साथियों के बीच एक बड़ा भेद पैदा करके हम सब मे एक जबर्दस्त खाई पैदा कर दिया था, उस समय संविलियन के लिए 8 वर्ष के बंधन के कारण राज्य के हमारे हजारों शिक्षाकर्मी साथियों में संविलयन से वंचित होने की बहोत बड़ी पीड़ा व आक्रोश थी… जिससे कि राज्य के हजारों साथियों को उक्त संविलियन मंजूर नहीं था।
ऐसे में प्रदेश के 1,09,000 प्राथमिक शिक्षक साथियों ने मिलकर पहले “वर्ग 03 संघर्ष मोर्चा” एवँ “08 वर्ष से कम संघर्ष समिति” नामक दो अलग-अलग मंच बनाकर संयुक्त रूप से चार सूत्रीय मांग तय किए जिसमें सबका संविलियन, वेतन विसंगति, क्रमोन्नती एवँ अनुकम्पा नियुक्ति प्रमुख था। बाद में इन दोनों मंचो को मिलाकर “छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” नामक संगठन बनाए और संघर्ष की एक नए शुरुवात किए थे।
“छत्तीसगढ़ प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ” के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि विगत जून 2018 से सितम्बर 2018 तक प्रदेश के हजारों-हजार प्राथमिक शिक्षकों ने “छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” के बैनर तले सबका संविलियन, अनुकम्पा नियुक्ति, वेतन विसंगति एवँ क्रमोन्नती की चार सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य की राजधानी रायपुर में जबरर्दस्त ऐतिहासिक आंदोलन किया था…. जिसमें प्रदेश के 1,09,000 प्राथमिक शिक्षकों ने तात्कालीन रमन सिंह सरकार के खिलाफ हुंकार भरी थी…
ऐसे में राज्य की कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रस्ताव पारित कर हम शिक्षाकर्मियों की मांगों को अपने चुनावी जनघोषणा पत्र में शामिल किया था… जिसमें सबका 02 वर्ष में संविलियन एवँ क्रमोन्नती प्रमुख है।
राज्य में 2018 विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने एकतरफा जीत दर्ज की, कांग्रेस पार्टी को राज्य में 90 में से 68 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल हुई। राज्य में सरकार बनते ही माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने सभी विभागों के मुख्य मांगो की फाइल बनवाई जिसमे शिक्षाकर्मियों के प्राथमिक शिक्षक आंदोलन अर्थात फेडरेशन की एक मांग “सबका संविलियन” को सम्मिलित किया और संविलियन प्रक्रिया की पूरी फाइल आगे बढ़ाई। इस प्रकार यह संविलियन प्रदेश के 1,09,000 प्राथमिक शिक्षको के संघर्ष एवँ आंदोलन की देन है।
अतः राज्य से शिक्षाकर्मी प्रथा को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करने वाले एवँ संविलियन के असली नायक राज्य के यसस्वी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी का दिल से बहोत-बहोत आभार…. धन्यवाद…. सत-सत अभिनंदन एवँ राज्य के 1,09,000 प्राथमिक शिक्षकों सहित 16 हजार उन सभी शिक्षाकर्मी साथियों को अनेकानेक शुभकामनाएं….. बहोत-बहोत बधाई…. धन्यवाद….!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.