शिक्षकों ने सरकार को दिलाई जनघोषणा पत्र की याद….22 वर्षों की पीड़ा सुनिए भुपेश सरकार

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दंतेवाड़ा।एक ही पद पर 22 वर्षों से बिना क्रमोन्नति, बिना पदोन्नति के सहायक शिक्षकों के गलत वेतन निर्धारण से उपजी वेतन विसंगति व अन्य छः सूत्री मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा के नेतृत्व में चलाए जा रहे अगस्त क्रांति अभियान के चतुर्थ चरण का आगाज़ छत्तीसगढ़ के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में आज से प्रारंभ किया गया है उसी क्रम में आज ब्लॉक संगठन दंतेवाड़ा द्वारा ब्लॉक अध्यक्ष खोमेन्द्र देवांगन व सचिव अमित देवांगन ब्लॉक उपाध्यक्ष सुरेश पटेल,भवानी प्रसाद कौशिक के नेतृत्व में अनुविभागीय अधिकारी दंतेवाड़ा को माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन व मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंप कर मुख्यमंत्री व सरकार को घोषणा पत्र अनुरूप पदोन्नति, क्रमोन्नति, वेतन विसंगति, पुरानी पेंशन बहाली, अनुकम्पा नियुक्ति, लंबित महंगाई भत्ता,जुलाई 2020 से संविलियन, व दो वर्ष की प्रत्येक सेवा अवधि पर वेटेज निर्धारण की मांगों को पूरा कराने हेतु मांग स्मरण पत्र सौपा गया,ब्लॉक अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षा कर्मी से लेकर शिक्षक बनने तक का हमारा 22 वर्षों के संघर्ष के बाद भी हम अन्य कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले विभिन्न सुविधाओं से वंचित है आज भी सभी विभागों में पदोन्नति क्रमोन्नति जारी है लेकिन शिक्षा विभाग में शिक्षक एल.बी.संवर्ग के साथ ही ऐसा भेदभाव क्यो 1998 से लेकर 2020 तक एक ही पद में बिना पदोन्नति के सेवा दे रहे है 2004 से बंद की गई पुरानी पेंशन के जगह कर्मचारियों को NPS रूपी अभिशाप दे दिया गया जो आज अंशदायी पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए दुःखदायी साबित हो रही है,वेतन निर्धारण में की गई त्रुटियों की वजह से सहायक शिक्षक 2013 से वेतन विसंगति की दंश झेल रहा है 2018 में संविलियन के पश्चात यह अंतर अब गहरे खाई का रूप ले लिया है जिससे एक वर्ग हमेशा नाखुश व सरकार के निर्णयों से असंतुष्ट है शिक्षा कर्मी के पद पर रहते हुए सेवा देते मृत्य के गाल में समा गए उन शिक्षकों के परिजन आज भी अनुकम्पा नियुक्ति की जटिलताओं में उलझे है अनुकम्पा का मतलब होता है दया लेकिन योग्यताओं का इतना भार परिजनों के कंधों पर डाल दिया गया है जैसे प्रथम श्रेणी में हायर सेकंडरी, डी. एड./बी.एड. व शिक्षक पात्रता परीक्षा TET जिससे अनुकम्पा नियमित के लाभ से सभी वंचित है,सरकार से विधानसभा के बजट सत्र में विधानसभा पटल पर जुलाई 2020 से संविलियन की घोषणा की थी व शिक्षा कर्मी प्रथा को समाप्त करने की पहल की थी लेकिन सरकार ने नवम्बर 2020 से संविलियन का आदेश जारी किया जिससे सभी शिक्षकों को निरशाव्याप्त है सरकार से आग्रह किया गया कि अपने घोषणा अनुरूप जुलाई 2020 से ही संविलियन किया जाए व प्रत्येक 2 बर्ष की पूर्ण अवधि पर वेटेज दिया जाए।
आज के इस कार्यक्रम में नोहर सिंह साहू, प्रमोद कर्मा,ढलेश आर्य,नागेश जयसवाल, रमेश साहू,सुशोमन्त दास, संजीव पैकरा,आंनद साहू,कोमल देव साहू,राहुल बाजपेयी, देवचन्द्र करटामी शेषुनाथ गौतम,अजय सिदार, मोहन साहू,सूर्यकान्त सिन्हा व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

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