कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों के प्रारंभिक भाषा शिक्षण हेतु ‘हर घर स्कूल’ एवं “मिस कॉल गुरुजी” अभियान…200 स्कूलों में जाने किस तरह से हो रही है इस अभियान में पढ़ाई

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रायपुर 26 अगस्त 2020।महामारी कोविड-19 की वजह से मार्च से ही स्कूल प्रदेश के स्कूल बंद चल रहे हैं। इस अवधि में भी बच्चों का पढना लिखना जारी रहे, इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के दुर्ग जिले में ’नींव अधिगम कार्यक्रम’ के तहत ’हर घर स्कूल’ नामक अभिनव अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत कक्षा पहली एवं दूसरी के बच्चों को अगस्त से नवम्बर माह तक प्रारंभिक भाषा शिक्षण में दक्ष बनाया जाएगा। दुर्ग जिले के 200 स्कूलों में ’हर घर स्कूल’ नामक अभिनव अभियान संचालित है, जिसमें दुर्ग ब्लॉक के 112 तथा पाटन ब्लॉक के 88 प्राथमिक स्कूल शामिल हैं। जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा एवं लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एलएलएफ) के माध्यम से संचालित अभियान के तहत् बच्चों की भाषाई दक्षता को बेहतर बनाने का कार्य किया जा रहा है।

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कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों के प्रारंभिक भाषा शिक्षण हेतु ‘हर घर स्कूल’ एवं “मिस कॉल गुरुजी” अभियान…200 स्कूलों में जाने किस तरह से हो रही है इस अभियान में पढ़ाई

रायपुर 26 अगस्त 2020।महामारी कोविड-19 की वजह से मार्च से ही स्कूल प्रदेश के स्कूल बंद चल रहे हैं। इस अवधि में भी बच्चों का पढना लिखना जारी रहे, इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के दुर्ग जिले में ’नींव अधिगम कार्यक्रम’ के तहत ’हर घर स्कूल’ नामक अभिनव अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत कक्षा पहली एवं दूसरी के बच्चों को अगस्त से नवम्बर माह तक प्रारंभिक भाषा शिक्षण में दक्ष बनाया जाएगा। दुर्ग जिले के 200 स्कूलों में ’हर घर स्कूल’ नामक अभिनव अभियान संचालित है, जिसमें दुर्ग ब्लॉक के 112 तथा पाटन ब्लॉक के 88 प्राथमिक स्कूल शामिल हैं। जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा एवं लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एलएलएफ) के माध्यम से संचालित अभियान के तहत् बच्चों की भाषाई दक्षता को बेहतर बनाने का कार्य किया जा रहा है।

इस अभियान के तहत बच्चों के पढ़ने-लिखने के लिए सरल और सुनियोजित अभ्यास पुस्तिका और पठन पुस्तिका एलएलएफ के सहयोग से उपलब्ध करायी गई है। शिक्षक बच्चों एवं पालकों से प्रतिदिन ‘’मिस कॉल गुरु जी‘’ के अंतर्गत 200 शालाओं के 4664 बच्चों को फोन पर जुड़कर मार्गदर्शन देते हैं। इसकी सतत् मानिटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। एलएलएफ की टीम बच्चों एवं उनके पालकों तथा शिक्षकों से सतत् संपर्क रखकर मार्गदर्शन प्रदान करती है। आवश्यकता पड़ने पर सी.ए.सी., शिक्षक एवं एलएलएफ की टीम बच्चों के घर का भ्रमण भी किया जाता है। इसमें अभिभावक द्वारा वालंटियर का सहयोग भीB लिया जा रहा है। इस अभियान के सफल संचालन के लिए शिक्षकों एवं सी.ए.सी. का उन्मुखीकरण भी किया जाता है।

अभियान के तहत बच्चों के पढ़ने-लिखने के लिए सरल और सुनियोजित अभ्यास पुस्तिका और पठन पुस्तिका एलएलएफ के सहयोग से उपलब्ध करायी गई है। शिक्षक बच्चों एवं पालकों से प्रतिदिन ‘’मिस कॉल गुरु जी‘’ के अंतर्गत 200 शालाओं के 4664 बच्चों को फोन पर जुड़कर मार्गदर्शन देते हैं। इसकी सतत् मानिटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। एलएलएफ की टीम बच्चों एवं उनके पालकों तथा शिक्षकों से सतत् संपर्क रखकर मार्गदर्शन प्रदान करती है। आवश्यकता पड़ने पर सी.ए.सी., शिक्षक एवं एलएलएफ की टीम बच्चों के घर का भ्रमण भी किया जाता है। इसमें अभिभावक द्वारा वालंटियर का सहयोग भीB लिया जा रहा है। इस अभियान के सफल संचालन के लिए शिक्षकों एवं सी.ए.सी. का उन्मुखीकरण भी किया जाता है।

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