पोंड़ी उपरोड़ा बीईओ एल एस जोगी के तानाशाहीपूर्ण रवैये से परेशान शिक्षकों ने आख़िरकार छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की अगुवाई में उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अंततः प्रशासन द्वारा उन्हें अन्यत्र ट्रांसफर कर दिया गया। विदित हो कि पिछले काफी समय से पोंड़ी उपरोड़ा बीईओ श्री जोगी के तानाशाही फरमान और मनमाने रवैये से शिक्षक समुदाय परेशान था। कोविड काल में विकलांग और उम्रदराज शिक्षको से कोविड ड्यूटी कराना हो या कोविड ड्यूटी कर रहे शिक्षकों का वेतन जमा न करना। उनके फैसले किस आधार पर लिए जा रहे थे यही पता नहीं था। इसी तरह के एक प्रकरण में दिव्यांग शिक्षक *सधवा राम बंजारे* की कोविड सर्वे में ड्यूटी लगाई गई जिसमे ड्यूटी करते बंजारे जी कोरोना संक्रमित हुए और उनकी मृत्यु हो गई पर जिम्मेदारों ने इससे पल्ला झाड़ लिया। इसी तरह पोंड़ी उपरोड़ा ब्लॉक से कई कर्मचारियों की कोविड रोकथाम के लिए जिला कार्यालय और तहसील कार्यालय में लगी है। इसमे से कुछ चुनिंदा शिक्षकों का माह अगस्त का वेतन बीईओ के द्वारा इस आधार पर रोक दिया गया कि उनका वेतन देयक पत्रक जमा नही हुआ है जबकि उनके साथ ही ड्यूटी कर रहे अन्य शिक्षकों का वेतन जमा किया गया है। कमाल की बात ये है कि बीईओ साहब कई शिक्षकों का वेतन इस आधार पर रोक दिए हैं कि वो अपनी मूल पदस्थापना शाला से अन्यत्र संलग्न हैं जबकि उनके कार्यालय के लेखापाल तहसील कार्यालय में संलग्न हैं और बीईओ साहब के चहेते सहायक ग्रेड 3 लेखापाल का कार्य कर रहे हैं।
बीईओ साहब के इसी प्रकार के मनमाने रवैये से परेशान होकर शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के अगुआई में बैठक कर उन्हें पोंड़ी उपरोड़ा से अन्यत्र ट्रांसफर के लिए मांग रखते हुए प्रस्ताव पारित किया था और इस सम्बन्ध में शिकायत विधानसभा अध्यक्ष श्री चरणदास महंत और स्थानीय सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत के अलावा सम्बंधित अधिकारीयों से किया था।
अंततः पोंड़ी उपरोड़ा बीईओ श्री लोकपाल सिंह जोगी को पाली भेज दिया गया है और उनके स्थान पर श्री दिनेश लाल को पोंड़ी उपरोड़ा विकासखंड शिक्षा अधिकारी का पदभार दिया गया है।