2 अक्टूबर को सत्याग्रह संदेश के साथ शिक्षक मांगेंगे अपना अधिकार,लगातार शोषण, अन्याय व शिक्षको के बीच भेदभाव रहेगा मुद्दा

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कोरबा।   छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा,प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी, प्रांतीय संगठन मंत्री प्रमोद सिंह राजपूत,प्रांतीय संयुक्त सचिव कन्हैया लाल देवाँगन, कोरबा जिला अध्यक्ष मनोज चौबे, प्रदेश प्रतिनिधि श्रीमती माया देवी छत्री, जिला प्रभारी श्रीमती मधुलिका दुबे, जिला सचिव नरेंद्र चंद्रा, जिला मीडिया प्रभारी प्रदीप जायसवाल,जिला कोषाध्यक्ष बुद्धेश्वर सोनवानी ने कहा है कि सभी विभाग में पदोन्नति जारी है, किन्तु शिक्षा विभाग ने अभी तक पदोन्नति नही किया है, सबसे ज्यादा प्रभावित सहायक शिक्षक संवर्ग है, जिन्हें न्यूनतम वेतनमान मिलता है, 10 वर्ष की सेवा में क्रमोन्नति व 5 वर्ष की सेवा में पदोन्नति का नियम है, किन्तु हजारो शिक्षक संवर्ग को 23 वर्ष की शिक्षकीय सेवा में भी क्रमोन्नति व पदोन्नति नही दी गई है।

1998 से लगातार भर्ती किये गए हजारो शिक्षाकर्मियों को आज तक क्रमोन्नति व पदोन्नति नही मिली। एक ही पद पर 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमोन्नति का प्रावधान है, किन्तु नियम कायदे के चक्कर मे विभाग ने शोषण ही किया है।

प्रदेश में प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के 22 हजार पद रिक्त है, सहायक शिक्षक एल बी संवर्ग ही वहाँ प्रभारी का दायित्व निर्वहन कर रहे है, उन्हें ही पदोन्नति देकर विभाग की गुणात्मक व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है, इससे शिक्षको को वित्तीय लाभ के साथ सेवा संतुष्टि मिलेगी।

करतला ब्लॉक अध्यक्ष उपेंद्र राठौर,पोड़ी ब्लॉक अध्यक्ष राम शेखर पांडेय, पाली ब्लॉक अध्यक्ष महावीर प्रसाद चंद्रा, कटघोरा ब्लॉक अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद पाण्डेय, कोरबा ब्लॉक अध्यक्ष वेदव्रत शर्मा,करतला ब्लॉक मीडिया प्रभारी बसंत मिरी ने बताया कि व्याख्याता व शिक्षक के वेतन अनुपात में ही शिक्षक व सहायक शिक्षक का वेतन भी निर्धारित करने आवश्यकता है, जिससे सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति दूर होगी। बाजार आधारित एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना की मांग की जा रही है। पंचायत/ननि व एल बी संवर्ग में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण लंबित है, जनवरी 2019 से महंगाई भत्ता लंबित है।

2 वर्ष से अधिक की सेवा के लिए वेटेज देते हुए जुलाई 2020 से संविलियन की मांग जारी है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि 1998 से अब तक शासकीय शाला में ही शिक्षक सेवारत है, उनकी पुरानी सेवा को आधार बनाकर ही संविलियन किया गया है, ऐसे में उस सेवा व अनुभव को आधार बनाकर शिक्षा विभाग में पदोन्नति व क्रमोन्नति क्यो नही दिया जा सकता है,?

शिक्षा विभाग के नया भर्ती नियम 2019 में कई संशोधन का सुझाव दिया गया, किन्तु विभाग ने इसे दरकिनार करते हुए एकतरफा नियम लागू कर दिया, एजुकेशन व ट्राइबल क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था है, ऐसे में संविलियन किये गए शिक्षको को अलग एल बी संवर्ग देकर उनकी वरिष्ठता को खत्म करने विभाग ने षणयंत्र किया है, इससे एल बी संवर्ग को क्रमोन्नति व पदोन्नति में अधिकारी बाधा बना रहे है, इस नियम में एल बी संवर्ग से भेदभाव किया गया है, संख्या के अनुपात में पदोन्नति के पद नही दिए गए है, और पुरानी सेवा की वरिष्ठता भी नही गई है।

एल बी संवर्ग शिक्षा विभाग की शोषण व भेदभाव की व्यवस्था है, एजुकेशन व ट्राईवल क्षेत्रीय व्यवस्था है, तो संविलियन किये गए शिक्षको को भी कार्यरत क्षेत्र के आधार पर इसी में समाहित किया जाना था, संविलियन किये गए शिक्षको को कार्यरत पद के कार्यभार ग्रहण अवधि से वरिष्ठता देकर अलग एल बी संवर्ग की व्यवस्था को हटाया जा सकता था, एसोसिएशन ने तत्समय में मांग भी किया था, एल बी संवर्ग की अलग अवधारणा को हटाकर शिक्षा विभाग केवल एजुकेशन व ट्राईवल के आधार पर संचालित किया जावे।

इसी शोषण, अन्याय व भेदभाव की खिलाफत में टीचर्स एसोसिएशन द्वारा 2 अक्टूबर को सत्याग्रह संदेश के रूप में समानता व अधिकार देने शिक्षा विभाग को संदेश दिया जाएगा।

प्रथम नियुक्ति तिथि के आधार पर क्रमोन्नति, शिक्षकीय सेवा के आधार पर पदोन्नति, सहायक शिक्षक को व्याख्याता – शिक्षक के आनुपातिक वेतनमान व पुरानी पेंशन बहाली, अनुकम्पा नियुक्ति, लंबित महंगाई भत्ता का विषय वर्तमान में ज्वलन्त है।

एसोसिएशन ने विशेषतः ऐसे सहायक शिक्षक सहित शिक्षक व व्याख्याता संवर्ग के लिए ही क्रमोन्नति, पदोन्नति देने व वेतन विसंगति दूर करने की एक वृहत योजना के तहत 6 सितम्बर को वर्चुअल महासभा में यह कार्यक्रम घोषित किया था।

 

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