शिक्षको के क्रमोन्नति, पदोन्नति व वेतन विसंगति के लिए चरणबद्ध मांग…सहायक शिक्षक विशेष प्रभावित वर्ग…..23 वर्ष की सेवा में भी क्रमोन्नति व पदोन्नति नही हुआ…शासन का ध्यान शिक्षको के कल्याण में नही….उपेक्षापूर्ण रवैय्ये के कारण शून्य में रिटायर हुए शिक्षक

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शिक्षको के क्रमोन्नति, पदोन्नति व वेतन विसंगति के लिए चरणबद्ध मांग…सहायक शिक्षक विशेष प्रभावित वर्ग….23 वर्ष की सेवा में भी क्रमोन्नति व पदोन्नति नही हुआ…शासन का ध्यान शिक्षको के कल्याण में नही….उपेक्षापूर्ण रवैय्ये के कारण शून्य में रिटायर हुए शिक्षक

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष व संभाग प्रभारी
, विनोद गुप्ता, जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा है कि सभी विभाग में पदोन्नति जारी है, किन्तु शिक्षा विभाग ने अभी तक पदोन्नति नही किया है, सबसे ज्यादा प्रभावित सहायक शिक्षक के साथ जिसकी सेवा एक ही पग पर 10 वर्ष से अधिक है जिन्हें उच्च वेतनमान का लाभ नही मिला है। 10 वर्ष की सेवा में क्रमोन्नति व 5 वर्ष की सेवा में पदोन्नति का नियम है, किन्तु हजारो शिक्षक संवर्ग को 23 वर्ष की शिक्षकीय सेवा में भी क्रमोन्नति व पदोन्नति नही दी गई है।जिसका असर शिक्षक के मनोबल के साथ शिक्षा से गुणवत्ता पर भी पड़ा है,,,

प्रदेश में शिक्षा विभाग प्रयोगशाला बन चुका है, नित नए कार्ययोजना के कारण एक लक्ष्य की प्राप्ति नही होती है। नए कार्य को प्रचारित कर विभाग सुर्खियों में होता है, वास्तव में विभाग के शिक्षको के सेवा शर्त व कल्याण पर कोई कार्य नही हो रहा है, 1998 से शिक्षक एल बी संवर्ग शालाओ में शिक्षण कार्य कर रहे है, कई शिक्षक बिना पेंशन, जीपीएफ, अवकाश नकदीकरण व क्रमोन्नति/पदोन्नति,ग्रेचुएटी के सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन विभाग ने कभी सुध नही ली, लगातार मांग के बाद भी नियम का हवाला देकर सेवा के बाद रिटायर शिक्षक को अंधेरे गली में छोड़ दिया गया। यहां तक जो सेवानिवृत्त या आसस्मिक हुए कार्यालिन अघिकारियो व कर्मचारियो की घोर लापरवाही के कारण भविष्य निधी अंशदान की राशि व पेंशन प्रारंभ नही हो सकी है,
संघ इन भ्रष्ट अधिकारियो व कार्यालिन कर्मचारियो की रवैया का निंदा करती है व आने वाले समय में ऐसे प्रकरण को लेकर स्थानीय स्तर पर सड़क की लड़ाई की तैयारी कर रहा है,यहां तक 1998 से लगातार भर्ती किये गए हजारो शिक्षाकर्मियों को आज तक क्रमोन्नति व समयमान का लाभ नही दिया गया। एक ही पद पर 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमोन्नति का प्रावधान है, किन्तु नियम कायदे के चक्कर मे विभाग ने शोषण ही किया है।
प्रदेश में प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के 22 हजार पद रिक्त है, सहायक शिक्षक एल बी संवर्ग ही वहाँ प्रभारी का दायित्व निर्वहन कर रहे है, उन्हें ही पदोन्नति देकर विभाग की गुणात्मक व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है, इससे शिक्षको को वित्तीय लाभ के साथ सेवा संतुष्टि मिलेगी।व्याख्याता व शिक्षक के वेतन अनुपात में ही शिक्षक व सहायक शिक्षक का वेतन भी निर्धारित करने आवश्यकता है, जिससे सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति दूर होगी।
2 वर्ष की सेवा में 1 जुलाई 2020 को सम्पूर्णसंविलियन, प्रथम नियुक्ति तिथि के आधार पर क्रमोन्नति, शिक्षकीय सेवा के आधार पर पदोन्नति, सहायक शिक्षक को व्याख्याता – शिक्षक के आनुपातिक वेतनमान व व्याख्याता को द्वितीय श्रेणी उच्च स्तर का वेतनमान, पुरानी पेंशन बहाली, अनुकम्पा नियुक्ति, लंबित महंगाई भत्ता का विषय वर्तमान में ज्वलन्त है।

एक बड़े हड़ताल के बाद सहायक शिक्षको के मन मे शासन और कुछ शिक्षक समूह से मोह भांग हुआ, और शिक्षको के संघ के इतर अलग समूह केवल वेतन विसंगति के मुद्दे पर बनाया, दुष्प्रचार के बल पर गठित इस समूह ने दुष्प्रचार के अलावा कुछ नही किया, जिस आक्रोश में यह समूह बना, उद्देश्यहीनता व नेतृत्व विहीन हो गया, सहायक शिक्षको के मन मे विसंगति की बात तो आई, पर वे समाधान बता नही सके,,इस समूह ने न ही प्रभावी बातें रखी, और न ही प्रभावी हड़ताल ही की,,,यहाँ तक कि सही मंच पर अपनी बात भी नही की,,केवल आस्वासन की घुंटी पीते रह गए।संघ के नाम पर गुमराह करते रहे,शासन प्रशासन तक को सहायक शिक्षको की मूल विषय वस्तु को बता नही सकें ,,,मसलन हमारी एकता को कमजोर कर अपने आप को सो करने में लगें हुए हैं,,,टीचर्स एसोसिएशन नें सभी साथीयो से अपने अधिकार प्रप्ति के लिए आने वाले समय में बड़े आदोंलन के लिए तैयार रहने की अपील की है

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