राज्य में सुकमा के ऑफ़ लाईन माडल गांव मोहल्ले में पढाई को सराहा और लागू हुआ…आदेश हुआ जारी…ये शिक्षकों का अपना माडल था…घरे घरे स्कूल

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सुकमा। जिले में आन लाइन कक्षाओं का संचालन जारी रहा । मैने विकास खण्ड सुकमा में ऑन लाईन के नोडल रहते हुए देखा की आन लाईन अधयपन में सभी बच्चों को हम जोड़ नही पा रहे हैं लगातार ये बातें आ रही थी जिले स्तर की बैठक में भी हमे और cac गण को इसके लिये सुनना पड़ रहा था। हमने यानी beo सहदेव गोंडाने ,BRC श्री अल्फ्रेड सुन ABEO प्रफुल्ल डेनियल व सहयक नोडल लोकेंद्र नायक ने की अब हम संकुल स्तर पर जा कर जमीनी स्तर पर काम करने वाले शिक्षकों से चर्चा की जानी चाहिए । हम सब 2-3 संकुलों की जोन स्तर की बैठक लेने पहुचे। हम शिक्षकों की बात सुनकर हैरान थे 80-90% शिक्षक कहने लगे हम एक दो घंटा गांव जाकर कक्षायें लेंगे। क्योकी ऑन लाईन अध्यापन में नेटवर्क की समस्या के कारण बच्चों को जोड़ नही पा रहे हैं।हमे गांव गांव पारा मोहल्ला स्वयं जाकर अध्यापन करने का अवसर दिजीये। और तो और एक दो संकुलों में आपसी सहमती से कुछ मास्क सेनेटाईजर बना कर घर घर जाकर कक्षा संचालन की बात कही गई । इससे हम सबने प्लान किया क्यूं ना इसे सुकमा में प्रारम्भ किया जाए। देखते हैं क्या रिस्पोंस मिलेगा। दुसरे ही दिन हमने देखा की शिक्षक अपने अपने गांव जाने लगे और और एक बात कई जगह देखने को मिली की शिक्षक जैसे गांव पहुचे वैसे ही बच्चे उन्हे देख कर कभी भाग जाया करते थे वे उनके पीछे पीछे दौड कर आने लगे मेरे सर मेडम आ गये करके। ये एक उम्मीदों का मेल था, भावनात्मक मेल था। उनका गुरुजी, बहनजी आज 4 माह बाद उनसे मिल रहे हैं। शायद उन बच्चों के मं में एक आसा की किरण दिखने लगी की अब हमरी पढाई शुरु होगी। बस क्या था पहले सप्ताह का रिपोर्ट में ही हमारे 150 से ज्यादा स्थानो में कक्षाओं का संचालन प्रारम्भ हो गया। और एक बहुत अच्छी बात रही अक्सर कहा जाता रहा कम्युनिटी से शिक्षक सम्बंध बनाये किन्तु सफलता नही मिल पाती रही । इस योजना से हम कार्य कर रहे थे की सीख कार्यक्रम लागू करने की बात होने लगी किन्तु सुकमा में हमने बैठक में कहा की ये हमारे शिक्षकों के खुद का अपना कार्यक्रम को चलायेंगे। डी एम सी श्याम सुंदर सिंह चौहान सर का भर पुर सहयोग मिला उन्होने हमे दुसरे जिला स्तरीय बैठक में प्रस्तुती करन करने का मौका दिया। जिला शिक्षा अधिक्षृ महोदय ने हमारी बातें सुनी और जिला के आला कलेक्टर श्री चंदन कुमार ने सुकमा कोन्टा में इस कार्यक्रम को स्वयं आगे बढाने में प्लान तैयार करवाई। आज जब हमे राज्य स्तर पर अपने कार्यक्रम के बारे में बात रखने का मौका मिला और जिस प्रमुख सचिव मोहदय ने हौसला-अफजाई की वो सभी शिक्षकों का है।
आज आप सब ने कर दिखाया इस कोरोना काल में शासकीय शिक्षक कोई कम नही है। जब मैदान में उतर जाता है तो हर काल मे रास्ता निकाल लेता है।*
*आज हमारे प्लान को लिया गया हम सब सुकमा के हर शिक्षक के लिये गर्व का क्षण है। इसके लिय संकुल समन्वय जमीनी प्रतिफल देने वाले शिक्षक गण को बहुत बहुत धन्यवाद, बधाई ,शुभकामना।

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