बजट 2020 में शिक्षक(एल बी)सवर्ग को पंचायत /न.नि में की गयी सेवा अवधि को जोड़कर एक ही पद में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की तिथि से प्रथम 20 वर्ष में दुवितीय एवम् 30 वर्ष में तृतीय समयमान /क्रमोन्नति वेतनमान के आधार उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे में वेतन निर्धारण कर रिवाइज्ड एल पी सी जारी करने की मांग

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रायपुर।  श्री कमलेश्वर सिंह ने शिव सारथी दुवारा जारी वक्तव्य का समर्थन करते हुए कहा है कि तथाकथित मोर्चा के नेतागण मुख्य मुद्दों से हटकर अपने अस्तित्व बचाने के लिए 20 सूत्रीय मांग की सूची का ज्ञापन सौपकर मुख्य मांग से शासन का ध्यान भटकाते है ताकि वेतन विसंगति की समस्या का हल ना हो ।जबकि वेतन विसंगति की समस्या केवल पदोन्नति या उसके विकल्प में समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान में उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे में वेतन निर्धारण के आदेश करने से होगा ।
दिनांक 1.5.2013 में शासकीय शिक्षको के समान वेतनमान स्वीकृत करने के बाद भी वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम 07 के तहत समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान में प्राप्त कर रहे मूल वेतन का 1 .86 से गुणा कर वेतन निर्धारण नही किया गया ना उनके समकक्ष् वेतन बैंड +ग्रेड पे दिया गया जिससे वेतन विसंगति हुई है जिसके लिए जवाबदार यही मोर्चा के नेता है ।इसी प्रकार जब संविलयन संविलयन आदेश जारी हुआ तो आदेश के बिंदु क्रमांक 4 एवम् 05 का विरोध नही किया गया बल्कि निम्न से उच्च पद धारण करने वालो को कैसे संविलयन का लाभ दिलाया जाये इस पर् लगे रहे और सफल हो गए ।
एक बड़ा वर्ग लगभग 1.50 लाख शिक्षक (एल बी)सवर्ग की हितों को नजर अंदाज करते हुए उनके भूतलक्षी प्रभाव से क्रमोन्नत वेतनमान में उच्चतर वेतनमान के अधिकार से वंचित करने में इन्ही तथाकथित नेताओ है जो समय के अनुसार अपनी मांगो में गिरगिट की रंग बदलने की तरह बदलते रहते है जिसके कारण हमे भूतलक्षी प्रभाव से समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान मान के आधार पर वेतन पुनरीक्षण का लाभ नही मिल रहा है । थोडा बहुत आशा और विश्वास माननीय उच्चन्यायालय के आदेश पर था उनमे पानी फेरने का काम उपसंचालक स्थनीय निधि सपरिक्षको दुवारा न्यायालय के आदेश के परिपालन में नियोक्ता दुवारा क्रमोन्नत वेतनमान में वेतन निर्धारण किया जा रहा है उनका सत्यापन नही किया जा रहा है अर्थातउनके दुवारा माननीय न्यायालय के आदेश और निर्णय की अवमानना की जा रहा है ।
अब उप संचालक स्थानीय निधि सपरिक्षक के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय के आदेश और निर्णय की अवमानना के प्रकरण दर्ज करने की अवश्यकता पड़ रही है ।
अतः श्री कमलेश्वर सिंह ने राज्य शासन से मांग की है कि नियोक्ता ,और उपसंचालक के विरुद्ध अवमानना के प्रकरण दर्ज हो उससे पूर्व बजट सत्र में ही छ.ग.सरकार शिक्षक (एल बी)सवर्ग को मध्यप्रदेश सरकार स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश की तर्ज पर शिक्षक (पंचायत/नगरीय ) सवर्ग के पद पर कार्य किये सेवा अवधि को जोड़कर प्रथम ,दुवितीय एवम् तृतीय उच्चतर वेतनमान का लाभ देने के आदेश प्रसारित करें ताकि न्यायालय की अवमानना से बचा जा सके ।

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