डोंगरगांव। चुनाव प्रशिक्षण को आवश्यक बताते हुए निर्वाचन आयोग द्वारा बीते माह से विभिन्न कर्मचारियों के लिए कई चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित का किया जा रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग में एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जब कर्मचारी चुनाव प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित होता है, लेकिन उसे अनुपस्थित बताकर उसके विरूद्ध डीईओ द्वारा एक वेतनवृद्धि रोकने का आदेश निकाल दिया जाता है। इस तुगलकी फरमान के निकलने के बाद अब कर्मचारियों में इसके विरूद्ध जमकर आक्रोश है तथा इस आदेश को निरस्त करने की मांग छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ द्वारा की गई है।
जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव प्रशिक्षण 2019 के अंतर्गत बीते माह 25 से 27 फरवरी को सभी तहसील मुख्यालय में प्रथम चरण का प्रशिक्षण आयोजित किया गया । जिसमें मतदान दल के अधिकारियों को तीन दिनों तक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण संपन्न होने के लगभग एक पखवाड़े बाद कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव के द्वारा प्रशिक्षण में अनुपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों का एक वेतनवृद्धि रोकने का आदेश बीते 15 मार्च को जारी किया गया है। इस सूची में 68 कर्मचारियों के नाम है। लेकिन छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार सरल क्रमांक 15 से 44 तथा 46 में दर्शित नाम के कर्मचारी प्रशिक्षण में तीनों दिवस उपस्थित थे, उसके बाद भी उनको अनुपस्थित दर्शाकर उनकी वेतनवृद्धि रोकने का आदेश निकाल दिया गया है।
तत्संंबंध में पीडि़त बाबूलाल लाड़े तथा शैलेन्द्र कुमार साहू ने बताया है कि उनको प्रशिक्षण में किस आधार पर अनुपस्थित बताया गया है, यह समझ से परे है। अब उक्त आदेश को लेकर संघ के प्रांतीय महासचिव शैलेन्द्र यदु, जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा, जिला सचिव मनीष पसिने, जिला प्रवक्ता दिनेश कुरेटी व जिला मीडिया प्रभारी देवेन्द्र साहू ने उक्त आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग डीईओ से की है।
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