रायपुर 27 सितंबर 2018। गौरतलब हो कि 25 सितम्बर से रायपुर के ईदगाह मैदान में धरना-प्रदर्शन कर रहे सहायक शिक्षक फेडरेशन और शिक्षक मोर्चा के नाम से महा सम्मेलन करने वाले खुलकर आमने-सामने आ गए हैं।
चुनावी वर्ष को देखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन का एक बड़ा फैसला लिया था लेकिन यह संविलियन सरकार के लिए आफत, मुसीबत और गले की हड्डी बन गई है। चूंकि सरकार ने जिस उम्मीद के साथ शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया था, उस उम्मीद पर अब पूर्णतः पानी फिर गया है क्योंकि सरकार ने 1,40,000 शिक्षाकर्मियों को साधकर उनका वोट लेना चाहती थी। इसीलिए संविलियन का घोषणा व क्रियान्वयन किया गया था लेकिन संविलियन का ये दांव, अब राज्य सरकार को उल्टा पड़ गया है क्योंकि संविलियन में भारी विसंगति के चलते प्रदेशभर के 1,09,000 सहायक शिक्षक एलबी/पंचायत संवर्ग राज्य सरकार से भारी नाराज एवं बेहद आक्रोशित है।
इसी के चलते छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन द्वारा अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर विगत 25 सितम्बर से राजधानी रायपुर के ईदगाह भांठा मैदान में संभागवार अनिश्चिचितकालीन क्रमिक आंदोलन किया जा रहा है।
उधर शिक्षक मोर्चा के पाँच संचालकों में से दो संचालक विरेन्द्र दुबे व केदार जैन ने 30 सितम्बर 2018 को राजधानी रायपुर के ही इंडोर स्टेडियम में संविलियन के लिए सरकार का आभार जताने महा सम्मेलन रखा है।
फेडरेशन के प्रांत संयोजक रंजीत बनर्जी, मनीष मिश्रा एवं शिव सारथी ने उक्त सम्मेलन का घोर विरोध करते हुए खुला बहिष्कार का एलान कर दिया है।
आंदोलन के तीसरे दिन आज ईदगाह भांठा में बिलासपुर संभाग के करीब बारह हजार से अधिक सहायक शिक्षक/ शिक्षाकर्मी वर्ग 03 उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू, इदरीश खान, अश्वनी कुर्रे, अजय गुप्ता, संकीर्तन नंद, सीडी भट्ट एवं भारती साहू ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि प्रदेशभर के 1,09,000 एक लाख नौ हजार शिक्षाकर्मियों को आज सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इसके लिए 30 सितम्बर को सम्मेलन करने वाले शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक विरेन्द्र दुबे व केदार जैन जिम्मेदार हैं। इन्ही लोगों के कारण आज हमें सड़क पर आना पड़ा है। विसंगति युक्त संविलियन का यदि ये लोग विरोध करते तो हमें आज ये दिन देखना नहीं पड़ता। वर्ग 03 के शोषण के जिम्मेदार ये लोग हैं।
पिछले नवम्बर, दिसम्बर 2017 में हुए आंदोलन को सभी वर्ग के शिक्षाकर्मियों ने मिलकर लड़ा था। जिसमें शिक्षक मोर्चा के पांच संचालक मिलकर नेतृत्व किये थे और सरकार से वार्ता के लिए अपना अगुवा बनाया गया था लेकिन मोर्चा के इन दो नेताओ के द्वारा अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए 30 सितम्बर को सम्मेलन कराने में लगे हुए हैं जबकि प्रदेश के 1,09,000 शिक्षाकर्मी वर्ग 03 संविलियन के बाद भी सबसे बड़ी वेतन विसंगति की समस्या से जूझ रहे हैं।
सहायक शिक्षक फेडरेशन ने अपनी चार सूत्रीय मांगो को लेकर आगामी 30 सितम्बर 2018 को राजधानी रायपुर के ईदगाह भांठा मैदान में एकदिवसीय महाआंदोलन एवं धिक्कार रैली का ऐलान करते हुए प्रदेश भर के समस्त शिक्षाकर्मियों से परिवार सहित आन्दोलन में उपस्थिति की अपील की है।