60 लाख परिवार क्यो और कहाँ बैठने जा रहे हैं उपवास पर?…..क्या है इनकी मांग?

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60 लाख परिवार क्यो और कहाँ बैठने जा रहे हैं उपवास पर?…..क्या है इनकी मांग?

दिल्ली/रायपुर। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त्त मोर्चा ने पुरानी पेंशन बहाली को आंदोलन तेज कर दिया है। मोर्चा की बैठक में तय हुआ कि 13 सितंबर को देश भर के 60 लाख कर्मचारियों के परिवार उपवास पर रहेंगे।
छत्तीसगढ़ प्रदेश संयोजक संजय शर्मा ने कहा कि हमने कोरोना के काल मे उस माध्यम को अपना हथियार बनाया है, जिस पर सारा भारत ध्यान दे रहा था, हम और हमारी सँयुक्त मोर्चा की छतीसगढ़ की सम्पूर्ण टीम हालात सामान्य होते ही जल्द ही धरातल पर बड़े आन्दोलन की योजना पर काम कर रहे हैं, इसमें हर ब्लॉक से भागीदारी सुनिश्चित है।

उपवास कार्यक्रम असल मे सत्याग्रह की शुरुआत है। पेंशन के प्रति जागरूकता अब धीरे धीरे कर्मचारियों में अलख जगा रही है, इसके कारण लोग एकजुट हो रहे हैं,,छत्तीसगढ़ में 3.50 लाख के आस पास कर्मचारी हैं। ये कर्मचारी यदि पेंशन के लिए एकजुट हो जाएं तो सरकार जरूर पुरानी पेंशन को बहाल करेगी।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, प्रदेश सह संयोजक सुधीर प्रधान, वाजीद खान, हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक ने बताया कि सभी एन पी एस कर्मचारियों व शिक्षकों से 13 सितंबर को #FAST4OPS में शाम 3 बजे से 6 बजे के बीच पुरानी पेंशन की मांगो का ट्वीटर, फेसबुक में पोस्ट कर कर अभियान चलाएंगे, राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (NOPRUF) के राष्ट्रीय आह्वान पर एन पी एस कर्मचारी 13 सितंबर को एक दिन का पारिवारिक उपवास करेंगे जिसमे देश भर के 60 लाख सरकारी कर्मचारी व छत्तीसगढ़ से 3.50 लाख कर्मचारी व शिक्षक शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को टैग लाइन लिखकर पुरानी पेंशन बहाली का मांग किया जाएगा, जिसमे समस्त विभाग के कर्मचारी, शिक्षक, लिपिक, पंचायत सचिव, स्वास्थ्य कर्मचारी, अधिकारी, रेलवे कर्मी, पुलिस कर्मी, बैंक कर्मी, पैरा मिलिट्री के जवानों के बुढ़ापे का सहारा *पुरानी पेंशन बहाल कीजिए* का संदेश होगा।

देश में 60 लाख व छत्तीसगढ़ में 3.50 लाख कर्मचारियो के लिए पुरानी पेंशन बहाली हेतु राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी रावत जी व छत्तीसगढ़ प्रदेश संयोजक संजय शर्मा व प्रदेश संयोजक वीरेंद्र दुबे की संयुक्त भूमिका में संघर्ष जारी है।

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