रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि लंबित मंहगाई भत्ता नही मिलने से कर्मचारियो को प्रतिमाह 3.50 हजार से 16 हजार तक का नुकसान हो रहा था, 5% महंगाई भत्ता देने के निर्णय से शिक्षक व कर्मचारी निराश है। कर्मचारी देय तिथि से केंद्र के बराबर 28% महंगाई भत्ता चाहते है, अर्थात कर्मचारी समयबद्ध लंबित 16% महंगाई भत्ता चाहते है।
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री जी, मुख्यसचिव, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर को पत्र लिखकर 01 जुलाई 2019 से अब तक लंबित मंहगाई भत्ता का आदेश शीघ्र जारी करने का मांग किया था।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, कोमल वैष्णव, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि कर्मचारियों के महंगाई भत्ता के मुद्दे पर हड़ताल तो उचित ही था किंतु खुद पहल कर मुख्यमंत्री जी से मिलने की जरूरत नही थी, क्योकि 5% महंगाई भत्ता दिए जाने का स्वागत नही किया जा सकता।
केंद्र सरकार के निर्णय के बाद छत्तीसगढ़ सरकार को लंबित महंगाई भत्ता की किश्त जारी करते हुए 28% महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया जाना था, अब 5% भत्ता से कर्मचारियो को राहत नही है।
छत्तीसगढ़ में 01 जुलाई 2019 से अभी तक लंबित मंहगाई भत्ता शेष है,,,,जबकि इस अवधि में महंगाई सूचकांक में लगातार वृद्धि हुआ है, जिससे कर्मचारी परिवार पर महंगाई के भारी बोझ होने से उनका घरेलू बजट बिगड़ गया है, 5% महंगाई भत्ता जारी होने से कर्मचारियों को विशेष राहत नही मिलेगी, आखिर महंगाई की मार कर्मचारी भी झेल रहे है।