रायपुर।छत्तीसगढ़ पंचायत न नि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि 2003 में शिक्षा कर्मियो के संविलियन का वादा किया गया था, किन्तु संविलियन शीघ्र नही किया गया, और आंशिक संविलियन करते में 15 वर्ष लगे।
2018 में शिक्षा कर्मियो का संविलियन किया गया, 2018 में ही 2 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षा कर्मियो का संविलियन करने कहा गया था, जो पूरा होता नही दिख रहा है।
कर्मचारियो की मांग एक अलग विषय हो सकता है, किन्तु स्वयं से कुछ विषय को पूर्ण करने का वादा करना, आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति को बताता है।
और ज्यादा तकलीफ तो तब होती है,,जब आप वादे कर उसे पूरा न करे।
शिक्षा कर्मियो का संविलियन तो वर्तमान बनाये नियम से क्रमबद्ध होगा ही, किंतु उस वादे और घोषणा का क्या, जिस पर 1 लाख 80 हजार शिक्षकों ने भरोसा किया?
बहरहाल किये गए जन घोषणा का इंतजार कितना लम्बा होगा, ये तो समय पर है, किन्तु शिक्षा कर्मियो को 15 साल पूर्व के दर्द का अहसास हो गया है, जख्म फिर अब हरा हो गया।
वादे के मुताबिक शिक्षा कर्मियों के लिए निम्न घोषणाएं होने की उम्मीद थी, जिसमे
2 वर्ष की सेवा के बाद सम्पूर्ण संविलियन
1998 से नियुक्त व वर्तमान तक पदोन्नति से वंचित समस्त वर्ग को क्रमोन्नति वेतनमान
प्राचार्य व प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति
वर्ग 3 की वेतन विसंगति को समाप्त
पुरानी पेंशन योजना लागू
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण पर टेट व डी एड को शिथिल कर वंचित को अनुकम्पा नियुक्ति
वादे पर किया एतबार, अब करो सिर्फ इंतजार