संघर्षमोर्चा Execlusive:आज 27 जुलाई को चंद्रग्रहण है यह ग्रहण देशभर में दिखाई देगा इसे बिना किसी उपकरण से सीधे देखा जा सकेगा। प्रसिद्ध ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉ दीपक शर्मा के अनुसार 27 जुलाई 2018 दिन शुक्रवार को मनाए जाने वाला गुरु पूर्णिमा का भारत में दृश्य चंद्रग्रहण की घटना के कारण प्रभावित होगा सामान्यतः प्रत्येक वर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा का पर्व चंद्रमा के उदित होने के उपरांत रात्रि में संपन्न होता है परंतु इस वर्ष इस सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण की घटना 27 जुलाई को घटित होगी।
ग्रहण की शुरुआत रात्रि 11:55 से शुरू होगी।
ग्रहण का मोक्ष रात्रि 4:00 बजे होगा लगभग 4 घंटे से अधिक अवधि तक अपना प्रभाव डालने वाला यह चंद्रग्रहण शताब्दी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा।
चंद्र ग्रहण के सूतक की शुरुआत ग्रहण के 9 घंटे पूर्व अर्थात 27 जुलाई की दोपहर 3:00 बजे से होगी डॉक्टर दीपक शर्मा के अनुसार दोपहर 3:00 बजे के पूर्व ही गुरु पूर्णिमा से संबंधित समस्त पूजा अर्चना कर लेना उचित है क्योंकि सूतक एवं ग्रहण की अवधि में समस्त शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं दोपहर 3:00 बजे से मंदिरों के पट भी बंद रहेंगे।
ग्रहण की अवधि में क्या करें?
ग्रहण पूर्व स्नान कर पूजन से संबंधित वस्त्र धारण कर मंत्रों का जाप करें (केवल मंत्रों का जाप करना है पूजा नहीं करनी है।)
गर्भवती महिलाएं अपने उदर पेट पर गोबर का रस अथवा गेरू लगाएं ।
ग्रहण उपरांत भी अनिवार्य रूप से स्नान करें ।
ग्रहण समाप्ति के उपरांत यथासंभव दान करें।
यह अवधि में शांतिपूर्वक बैठकर ईश्वर का ध्यान करें।
ग्रहण की अवधि में क्या नहीं करें ?
घर से बाहर ना निकले।
यात्रा वर्जित है ।
भोजन खान-पान वर्जित है। मनोरंजन वर्जित है।
किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत ग्रहण के दिन ना करें।
ग्रहण की अवधि में शयन वर्जित है ।
ग्रहण की अवधि में गर्भवती महिलाएं सिलने एवं काटने का कार्य न करें।
ग्रहण की अवधि में मूर्ति स्पर्श एवं पूजा वर्जित है। अग्नि से संबंधित वस्तुएं इलेक्ट्रिकल वस्तुएं विस्फोटक सामग्री से दूर रहे।
जलीय क्षेत्रों का परिहार करें।