दिल्ली | भारत रत्न और तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम 5.05 बजे निधन हो गया, वे 93 वर्ष के थे। दो महीने से एम्स में भर्ती थे। लेकिन, पिछले 36 घंटों के दौरान उनकी सेहत बिगड़ती चली गई। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। इससे पहले वे 9 साल से बीमार थे। राजनीति की आत्मा की रोशनी जैसे घर में ही कैद थी। वे जीवित थे, लेकिन नहीं जैसे। किसी से बात नहीं करतेअटलजी को यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था। उनकी सिर्फ एक किडनी काम कर रही थी। 30 साल से अटलजी के निजी फिजिशियन डॉ. रणदीप गुलेरिया की देखरेख में एम्स में उनका इलाज चल रहा था। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शाम 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए कहा कि हम सबके श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे, मैं निशब्द हूं।केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज शाम अस्पताल से बाहर आकर पत्रकारों को इस बात की जानकारी देते हुए इस दुखद समाचार की पुष्टि की।
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