दिल्ली। अब प्रवेश परीक्षा में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रवेश परीक्षा में किसी भी तरह का आरक्षण नहीं मिल सकता। शीर्ष अदालत ने कहा कि आरक्षण केवल दाखिले के समय लागू होना चाहिए। सीटेट परीक्षा 7 जुलाई को होनी है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और संजीव खन्ना की अवकाशकालीन पीठ ने सोमवार को कहा कि CTET केवल प्रवेश परीक्षा है। इसमें आरक्षण की मांग पूरी तरह गलत है। याचिकाकर्ता रजनीश कुमार पांडेय के वकील ने जब सीटेट परीक्षा की अधिसूचना का जिक्र किया तो पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अधिसूचना में कहीं भी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति को भी आरक्षण देने का जिक्र नहीं किया गया है। इसके बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन बाद में याचिकाकर्ता के वकील के अनुरोध पर इस पर सुनवाई के लिए सहमति जता दी। मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी।
याचिकाकर्ता ने खुद को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का बताते हुए सीबीएसई द्वारा जारी अधिसूचना को कोर्ट में चुनौती दी थी।