सहायक शिक्षक के मौत की जिम्मेदारी तय करे शिक्षा विभाग…शिक्षक को कोरोना संक्रमण में झोंक दिया अधिकारियो ने….शिक्षाधिकारी के आदेश पर किया था घर घर सर्वे….प्रदेश भर के शिक्षको में आक्रोश….कोरोना विस्तार के समय में ढकोसला बन्द करे विभाग

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छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक व बेमेतरा जिला अध्यक्ष विजय डेहरे ने कहा है कि एसोसिएशन ने पूर्व में ही कोरोना डयूटी में बीमा करने व संक्रमण रोकने हेतु सुरक्षा सामग्री देने की मांग की थी, किन्तु विभाग ने पुख्ता इंतजाम के बिना ही शिक्षको को घर घर सर्वे करने ड्यूटी लगा दिया, और अंततः अधिकारियो की लापरवाही ने एक सहायक शिक्षक की जान ले ली, शिक्षा विभाग ऐसे अधिकारी की पहचान कर जिम्मेदारी तय करे।

बेमेतरा जिला अध्यक्ष विजय डेहरे, खेम सिंह बारले, आशीष वर्मा, दिग्विजय घृतलहरे, ईश्वर निर्मलकर, रोहित राजपूत, रेखा लाल घृतलहरे, रूपेश पांडेय ने बेमेतरा के जिला कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र देकर मांग किया है कि अधिकारी स्पष्ट आदेश देकर ही शिक्षको की डयूटी लगाएं, मनमर्जी से अनाधिकृत मौखिक आदेश कर दबाव बनाते है, जबकि कोरोना संक्रमण में सभी शिक्षको की शाला में उपस्थिति जरूरी नही है, बिना आदेश के शिक्षक अब कार्य नही करेंगे।

शासकीय प्राथमिक शाला देवादा (बेमेतरा) में पदस्थ सहायक शिक्षक विनोद कुमार पटेल की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुआ है, जिससे प्रदेश भर के शिक्षको में गहरा आक्रोश पनप रहा है, ज्ञात हो मृत शिक्षक विनोद पटेल ने विखं शिक्षाधिकारी बेरला के आदेश पर कन्टेनमेन्ट जोन में सर्दी, बुखार, खांसी के लक्षणों वाले व्यक्तियों की खोज में घर घर सर्वे कार्य किया था, साथ ही सर्वे के दौरान कोई सुरक्षा सामग्री प्रदान नही किया किया गया था, इसी समय शिक्षक को कोरोना संक्रमण हुआ और उसे 27 जुलाई को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था, जहां उसे वेंटिलेटर में रखा गया था और अंततः शिक्षक की मृत्यु हो गई है, इससे प्रदेश भर के शिक्षक आक्रोशित है।

शिक्षक के परिवार को तत्काल मुआवजा व अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जावे, साथ ही प्रदेश भर में बढ़ते कोरोना के समय शिक्षा विभाग अपना ढकोसला भी बंद करे।

गली, मुहल्ले, गुड़ी, चौगान, पंचायत, सामुदायिक भवन में पढ़ाई तुंहर पारा, लाउडस्पीकर गुरुजी, मोटरसायकल गुरुजी ये सभी संक्रमण के कारण बनेंगे, इससे बच्चे व शिक्षक आपस मे संक्रमित होकर कोरोना ट्रांसमिशन के साधन बनने इससे और स्थिति भयावह होगी।

शासन ने शिक्षण सम्बन्धी निर्देश को स्वेच्छा के नाम पर छोड़ दिया है, किन्तु अधिकारी शिक्षको पर लगातार दबाव बनाकर उन्हें गांव, गली, मुहल्ले में भेज रहे है शिक्षको व बच्चो के कोरोना संक्रमण की जिम्मेदारी कौन लेगा,? कोरोना संक्रमण से सहायक शिक्षक की मौत का जिम्मेदार कौन है, विभाग को तय करना चाहिए,?

प्रदेश भर में सीखने पढ़ने के कई उपाय जारी है, किन्तु प्रत्यक्ष उपाय कोरोना विस्तार का माध्यम बन सकता है, अतः इस दौर में ग्रुप टीचिंग, कम्युनिटी टीचिंग शिक्षक व बच्चो के लिए प्राणघातक हो सकता है, शिक्षा विभाग इस अव्यवहारिक सीखने के कार्य पर रोक लगाकर वर्चुवल शिक्षण को अपग्रेट करे, दूरदर्शन, रेडियो, ब्लूटूथ, फ्रीकाल, रिकार्ड संदेश को प्रभावी बनाये।

 

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