सरपंच ,सचिव के द्वारा सीधा शिक्षको की ड्यूटी लगाये जाने पर संयुक्त शिक्षक संघ ने जताया कड़ा ऐतराज…कहा ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का अनिवार्यतः 50 लाख का बीमा किया जाए

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रायपुर।कोरोना वायरस के वैश्विक महामारी के इस दौर में छत्तीसगढ़ से अन्य राज्यों में काम करने गए हुए कामगारों, मजदूरों, फसे हुए छात्रों, दर्शनार्थियों आदि का अब छत्तीसगढ़ राज्य में घर वापसी हो रहा है। शासन के निर्देशानुसार ऐसे लोगो को 14 दिन के लिए कोरोनटाइन किया जाना है। इनकी बड़ी संख्या होने के कारण कोरोनटाइन के लिए ग्राम पंचायत स्तर के शासकीय भवनों का चिन्हांकन किया गया है। जिसके लिए बड़ी संख्या में शिक्षक संवर्ग की ड्यूटी लगाई जा रही है। *संयुक्त शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ पंजीयन क्रमांक 2571 के प्रांताध्यक्ष केदार जैन* ने प्रदेश के *माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ,शिक्षामंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम जी एवं मुख्य सचिव तथा शिक्षा सचिव* से मांग किया है कि शिक्षकों की ड्यूटी शिक्षकीय गरिमा के अनुरूप लगाया जाए क्योकि कई जगह शिक्षकों की ड्यूटी एक चौकीदार, रसोईया के रूप में भी लगाए जाने की बात सामने आ रही है जो कि पूरी तरह अनुचित है। जिसका *संयुक्त शिक्षक संघ* कड़ा विरोध करते हुए आपत्ति दर्ज करता है।साथ ही संघ मांग करता है कि जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है उनका कोरोनवारियर्स कर्मचारी की तरह ही *50 लाख का बीमा* अनिवार्य रूप से किया जाए।
*प्रांताध्यक्ष केदार जैन* ने कहां है कि कई जगह से यह बात भी सामने आई है कि ग्राम पंचायत के श्रीमान सरपंच एवं सचिव द्वारा सीधे तौर पर उस ग्राम पंचायत में कार्यरत प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक आदि की ड्यूटी कोरोनावारियर्स के रूप में लगाकर आदेश जारी किया जा रहा हैं। इस तरह ड्यूटी लगाने का अधिकार सरपंच व सचिव को नहीं है। यह शासकीय व्यवस्था के विपरीत व अधिकार क्षेत्र के बाहर कार्य है। इसलिए ऐसे आदेशो को संघ निंदनीय मानते हुए तत्काल निरस्त करने व ऐसे सरपंच व सचिव के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का मांग करता हैं ताकि शासकीय और अधिकार क्षेत्र का व्यवस्था बना रहे।
कोरोना के इस संकटकाल में *संयुक्त शिक्षक संघ* पूरी तरह से शासन के साथ है और उनके निर्देशों का पालन कर अपने कर्तव्य का निर्वहन करने हेतु शिक्षक पूरी मुस्तैदी से तैयार हैं।

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