रायपुर 5 जुलाई 2018। शिक्षाकर्मियों के 23 वर्षों के संघर्ष के बाद सरकार द्वारा संविलियन की घोषणा होने के बाद भी शिक्षाकर्मियों में प्रसन्नता दिखाई नहीं दे रही है। उसका वास्तविक कारण यह है शिक्षाकर्मियों के संविलियन का निर्णय तो सरकार ने ले लिया है लेकिन उसमे अभी भी कई विसंगतियां व्याप्त हैं। 8 वर्ष पर सेवा का बंधन एवं क्रमोन्नति जैसे महत्वपूर्ण विषय जिसको सरकार ने ध्यान नहीं दिया जिससे शिक्षाकर्मियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। खासकर इससे प्रभावित हुए वर्ग 3 के शिक्षाकर्मी जिनकी संख्या लगभग 70000 से ऊपर है अधिक नाराज दिखाई दे रहे हैं।क्योंकि यदि दो तिहाई शिक्षाकर्मी नाराज होंगे तो यह सरकार के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सरकार अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने शिक्षाकर्मियों के आधे अधूरे संविलियन पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा यदि सरकार के दिल में गुरुजनों के प्रति सही सम्मान की भावना है तो उन्हें सबको लाभ देन चाहिये। आधे अधूरे संविलियन का लाभ देने से सरकार की नियत पर संदेह होता है ।सभी शिक्षाकर्मियों को क्रमोन्नति वेतनमान देने के साथ ही संविलियन के लिए वर्ष बंधन समाप्त कर सरकार शिक्षकों के प्रति सही सम्मान प्रकट करें।
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