संविलियन जैसे ही महत्वपूर्ण है पूर्व सेवा….सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति पूर्व सेवा गणना से दूर होगी…..क्रमोन्नति, पदोन्नति, वेतन विसंगति यही क्रम उचित…..सत्याग्रह आंदोलन 2 अक्टूबर को

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रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में शिक्षको के लिए जिस प्रकार से संविलियन मुख्य मांग था ठीक उसी प्रकार अब सबसे महत्वपूर्ण मांग पूर्व सेवा की गणना है,,अर्थात संविलियन जैसे ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने आगे कहा है कि सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति को पूर्व सेवा की गणना से ही दूर किया जा सकता है, ध्यान रहे अगर पूर्व सेवा की गणना नही होगी तो संविलियन तिथि ही आपकी प्रथम सेवा अवधि मान ली जाएगी, तब वेतन विसंगति को परिभाषित करना दुष्कर होगा।

प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि पूर्व सेवा की गणना मान्य होते ही 10 वर्ष की सेवा में क्रमोन्नति वेतनमान मिल सकेगा इससे सहायक शिक्षक को उच्च वर्ग शिक्षक का 4200 ग्रेड पे वाला वेतनमान मिलेगा, पूर्व सेवा की गणना से ही 5 वर्ष में प्रधान पाठक प्राथमिक शाला व उच्च वर्ग शिक्षक पद पर पदोन्नति मिलेगी, जिनका वेतनमान भी 4200 ग्रेड पे वाला ही होगा।

सबसे पहले 10 वर्ष पूर्ण करने वाले सभी सहायक शिक्षक क्रमोन्नति लेंगे, उसके बाद 5 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले पदोन्नति प्राप्त करेंगे, इन दोनों ही प्रक्रिया में अधिसंख्य सहायक शिक्षको को उच्च वर्ग शिक्षक का वेतनमान मिल जाएगा और वे न्यून वेतन से ऊपर जाएंगे,,यह केवल एल बी संवर्ग के सहायक शिक्षक को ही प्राप्त होगा, जबकि क्रमोन्नति अवधि 10 वर्ष में शिक्षक व व्याख्याता को समयमान मिलेगा।

पूर्व सेवा अवधि की गणना से ही शिक्षक समतुल्य पुनरीक्षित वेतनमान व तत्कालीन प्राप्त समयमसन में 1.86 के गुणांक में वेतन निर्धारण कर वेतन विसंगति की आंशिक सुधार किया जा सकता है।

संविलियन के पूर्व तत्कालीन प्रमुख सचिव शिक्षा ने कहा कि संविलियन तिथि से विभाग के शिक्षा व आ जा क विभाग की सहायक शिक्षक, शिक्षक व व्याख्याता की सूची में संविलियन होने वाले शिक्षको को वरिष्ठता दी जाएगी, इस बात का छ पं/ननि शिक्षक संघ ने पुरजोर विरोध करते हुए प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता देने का पक्ष रखा, जिसमे संघ ने कहा था कि नियुक्ति की कोई प्रक्रिया नही अपनाई गई है, सीधे संविलियन किया जा रहा है तो प्रथम नियुक्ति को ही मान्य किया जावे, सेवा पुस्तिका पूर्व का ही है इसीलिए प्रथम नियुक्ति को ही मान्य किया जावे, एल पी सी पुरानी है इसीलिए प्रथम सेवा को वरिष्ठता मान्य करना होगा, किन्तु कतिपय शिक्षक संघो के विरोध के कारण प्रथम नियुक्ति को वरिष्ठता न देकर एक पृथक एल बी संवर्ग बना दिया गया।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डॉ कोमल वैष्णव, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि प्रदेश के समस्त शिक्षक अगर पूर्व सेवा के लिए एकजुट होंगे तो निश्चित ही शासन को नियुक्ति प्रक्रिया, संविलियन, सेवा पुस्तिका, एल पी सी मुद्दे के कारण पूर्व सेवा का लाभ देना पड़ेगा, संविलियन को शिक्षको ने एकजुटता की लड़ाई से प्राप्त किया है, तब भी कुछ तथाकथित संघ संघर्ष से अलग थे, परन्तु मुख्य लोगो की एकजुटता व सही नेतृत्व से संविलियन मिला, पूर्व सेवा की गणना की मांग सर्वोपरि है, इससे क्रमोन्नति, पदोन्नति मिलेगी, वेतन विसंगति दूर होगी, पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा, प्रचलित नियम पर कमेटी की क्या जरूरत है? प्रदेश में शिक्षको के बीच एकजुटता व सौहार्द्र की जरूरत के साथ सफल नेतृत्व की आवश्यकता है, वर्गवाद के 3 वर्ष के बाद हम वही खड़े है, अतः चिंतन की आवश्यकता है।

प्रदेश के एल बी संवर्ग के सहायक शिक्षक, शिक्षक व व्याख्याता का हित पूर्व सेवा अवधि की गणना करने से ही है, संविलियन के पूर्व सेवा की गणना करने से एक ही पद में 10 वर्ष पूर्ण करने वाले सहायक शिक्षको को क्रमोन्नत वेतनमान मिलेगा, प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के 22 हजार पदों पर पदोन्नति मिलेगी, क्रमोन्नति और पदोन्नति से सहायक शिक्षको को सीधे उच्च वर्ग शिक्षक का 4200 ग्रेड पे का उच्चतर वेतनमान मिलेगा, अतः छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन इसी आधार पर मुख्य मांगपत्र शासन को सौंपेगा। शिक्षक व व्याख्याता को भी पूर्व सेवा जोडने से क्रमोन्नत/समयमान व पदोन्नति का लाभ मिलेगा।

सहायक शिक्षको का व्याख्याता व शिक्षक की तुलना में वेतन कम है, प्राथमिक शिक्षा को विशेष शिक्षकीय सेवा मानकर व्याख्याता व शिक्षक के वेतनमान के अंतर के अनुपात में शिक्षक व सहायक शिक्षक के वेतनमान में सुधार किया जावे तथा शिक्षक पं/ननि संवर्ग को 01/05/2013 से दिए गए पुनरीक्षित (समतुल्य) वेतनमान में भूतलक्षी प्रभाव से 1.86 के गुणांक पर निर्धारण करने का आदेश जारी किया जावे व 2 वर्ष में एक वेटेज का लाभ दिया गया है उसे 1 वर्ष में 1 वेटेज देने का आदेश देते हुए रिवाइज एलपीसी जारी किया जावे।

प्रचलित नियम पर क्यो कमेटी बनेगा, समझ से परे है, शासन को कमेटी बनाना ही है तो बंद किया जा चुका पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए कमेटी बनाये, क्योकि राज्य में यह नए सिरे से लागू होगा।

एल बी संवर्ग के शिक्षको की मांग को शासन ने अब तक टालमटोल किया है, जनघोषणा पत्र में किये गए वादे पर सरकार गंभीरता से निर्णय ले, इसके लिए 2 अक्टूबर को सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा। तैयारी हेतु सभी जिले में 18/19 सितम्बर को व ब्लाक में 25/ 26 सितम्बर को बैठक आयोजित किया गया है।

 

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