*तकनीकी संविलियन मानते हुए पंचायत/ननि संवर्ग के दिवंगत शिक्षकों के आश्रित को शीघ्र दें अनुकम्पा नियुक्ति*
*960 परिवार के अनुकम्पा नियुक्ति का शीघ्र निर्णय ले सरकार*
*जनघोषणा पत्र का हिस्सा है अनुकम्पा नियुक्ति*
*छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा के निर्देश पर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी, प्रदेश संगठन मंत्री प्रमोद सिंह राजपूत, कोरबा जिलाध्यक्ष मनोज चौबे, कोरबा जिला सचिव नरेंद्र चंद्रा, करतला ब्लाक अध्यक्ष उपेन्द्र राठौर, कटघोरा ब्लाक अध्यक्ष चन्द्रिका पांडेय, पोडी उपरोड़ा ब्लाक अध्यक्ष रामशेखर पांडेय ने धरना स्थल पर पहुँच कर पंचायत संवर्ग के दिवंगत शिक्षकों के आश्रित को तकनीकी संविलियन मानते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की मांग की है, इस अवसर पर दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे, व प्रदेश उपाध्यक्ष अश्वनी सोनवानी सहित पदाधिकारी उपस्थित थे।*
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि शासन द्वारा जनघोषणा पत्र में शामिल विषय – दिवंगत पंचायत संवर्ग के शिक्षकों के अनुकम्पा नियुक्ति का प्रकरण लंबित है, अतः पीड़ित परिवार को सहारा देने व जनघोषणा पत्र के विषय की पूर्णता हेतु अविलंब निर्णय लिया जावे।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन का तर्क / मांग यह है कि शासन द्वारा 2 वर्ष में संविलियन किया गया है, पंचायत संवर्ग के शिक्षक जिनका जुलाई 2018 के पूर्व निधन हुआ है यदि वे जीवित रहते तो उनका भी संविलियन हो गया होता, अतः दिवंगत पंचायत संवर्ग के शिक्षकों को तकनीकी संविलियन मानते हुए उनके आश्रित को सहायक शिक्षक / सहायक शिक्षक विज्ञान / लिपिक / भृत्य के पदों पर वांछित पात्रता / अर्हता अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जावे।
विभाग में तकनीकी त्याग पत्र व कार्येत्तर स्वीकृति का प्रावधान है, नई नियुक्ति हेतु तकनीकी त्याग पत्र व कार्येत्तर स्वीकृति मानते हुए निर्णय पूर्व में भी लिया गया है।
पंचायत/ननि संवर्ग के 960 शिक्षको का निधन हुआ है जिन्हें टेट व डी एड के बिना अनुकम्पा नियुक्ति नही दिया गया है, हमने कई बार सेवा में लेने के बाद 3 वर्ष में अर्हता पूर्ण करने की शर्त पर अनुकम्पा नियुक्ति देने की मांग की, किन्तु मामला आज भी लंबित है, अब जब सभी पीड़ित परिवार के लिए निर्णय हो रहा है तो इन भटकते परिवार के लिए भी शीघ्र निर्णय लेंवे, ताकि दिवंगत पंचायत/ननि संवर्ग के शिक्षकों के आश्रित को सहारा मिल सके।