रायपुर 15 जुलाई 2018। सरकार द्वारा शिक्षाकर्मियों के 23 वर्ष के संघर्ष के बाद संविलियन का निर्णय लिया गया है लेकिन संविलियन के नियमों में भी गजब की पेचीदगी है। 8 वर्ष पूर्ण होने की अवधि कुछ जिलों में नियुक्ति तिथि के आधार पर किया जा रहा है तो कुछ जिलों में कार्यभार ग्रहण तिथि से 8 वर्ष की अवधि की गणना की जा रही है।
स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा 8 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षक पंचायत संवर्ग के संविलियन प्रक्रिया जारी है।
कतिपय जिलों में नियुक्ति आदेश की तिथि से 8 वर्ष जोड़कर संविलियन के लिए पात्र माना जा रहा है,,
किंतु कुछ जगहों पर नियुक्ति तिथि के स्थान पर कार्यभार ग्रहण तिथि से 8 वर्ष की गणना कर संविलियन की कार्यवाही की जा रही है।
शिक्षक पंचायत संवर्ग के वरिष्ठता का निर्धारण नियुक्ति तिथि के आधार पर किया जाता है,,इससे कार्यभार ग्रहण बाद में किये जाने पर वरिष्ठ शिक्षक संविलियन से वंचित हो रहे है,,जबकि नियमानुसार वे वरिष्ठ है,,यह प्रक्रिया की विसंगति है।
उदाहरण यदि 2 शिक्षक पंचायत संवर्ग की नियुक्ति आदेश क्रमशः 25 जून 2010 और 28 जून 2010 को जारी हुआ है। तब वरिष्ठता क्रम में पहले 25 जून शिक्षक पंचायत संवर्ग वरिष्ठ होगा,,, और 28 जून 2010 का शिक्षक पंचायत संवर्ग कनिष्ठ होगा।
किंतु 25 जून 2010 को नियुक्त होने वाले शिक्षक पंचायत संवर्ग में 4 जुलाई 2010 को कार्यभार ग्रहण किया और 28 जून 2010 को नियुक्त होने वाले शिक्षक पंचायत संवर्ग में 30 जून 2010 को कार्यभार ग्रहण कर लिया।
ऐसी परिस्थिति में कार्यभार ग्रहण तिथि के कारण कनिष्ठ शिक्षक का संविलियन हो जाएगा और वरिष्ठ शिक्षक संविलियन से वंचित हो रहा है,,,जो प्रक्रिया की विसंगति है।छ ग पं न नि शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा एवं प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक, सुधीर प्रधान, विवेक दुबे ने शिक्षा सचिव गौरव द्विवेदी एवं संचालक लोक शिक्षण इस प्रकाश को पत्र लिखकर मांग किया है कि प्रदेश भर में एकरूपता के आधार पर समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें की प्रथम नियुक्ति तिथि से 8 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षक पंचायत संवर्ग का संविलियन करते हुए शिविर में ई कोष में प्रविष्टि करने के लिए दिशा निर्देश जारी करने का कष्ट करें।