वेटेज का स्वभाविक अधिकार, प्रावधान बनाकर स्पष्ट आदेश करें शासन….2 वर्ष से अधिक सेवा का वेटेज नही देना अन्यायपूर्ण वेतन निर्धारण है…..टीचर्स एसोसिएशन द्वारा लगातार दिया गया है मांग पत्र

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रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डॉ कोमल वैष्णव, प्रदेश सचिव मनोज सनाढय, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने शासन से मांग करते हुए कहा है कि दो वर्ष से अतिरिक्त सेवा के लिए वेटेज का स्वभाविक अधिकार है,,प्रावधान बनाकर स्पष्ट आदेश जारी किया जावे।

8 वर्ष की सेवा में व 2 वर्ष की सेवा में अंतर है तो वेतन निर्धारण एक समान कैसे हो सकता है,? पहले भी वेतन निर्धारण के समय वेटेज दिया गया है।

14 जुलाई 2021 को उपसंचालक डीपीआई ने आदेश जारी कर नियम में प्रावधान है तो वेटेज देने की कार्यवाही करने को कहा है, यह अस्पष्ट व गुमराह करने वाला आदेश है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन द्वारा दो वर्ष से अतिरिक्त सेवा हेतु वेटेज (वार्षिक वेतन वृद्धि ) का लाभ देते हुए वेतन निर्धारण करने का मांग पत्र 19 /11/2020 को दिया गया है।

डीपीआई के अधिकारी बताएं कि वेटेज का परिभाषा क्या होता है,? जब सेवा में अंतर है तो उसी अंतर को वेटेज देकर ही वेतन निर्धारण किया जाता है।

8 वर्ष की जगह 2 वर्ष में संविलियन का निर्णय सरकार ने लिया, जो वेतन 8 वर्ष में निर्धारण किया गया वही वेतन 2 वर्ष में निर्धारण होगा, तो जिनकी सेवा दो वर्ष से अधिक है उन्हें प्रति वर्ष का एक वेटेज इंक्रीमेंट के रूप में जोड़कर देने का स्पष्ट नियम व प्रावधान बनाकर शासन सभी डीईओ को आदेश जारी करे।

2 वर्ष में संविलियन के निर्णय के बाद 2 वर्ष से अतिरिक्त सेवा के लिए अतिरिक्त वार्षिक वेतन वृद्धि शिक्षको के जरूरी है, अतिरिक्त वेतनवृद्धि नही दिए जाने से 2 वर्ष से अधिक सेवा का कोई वित्तीय लाभ नही होना अन्यायपूर्ण वेतन निर्धारण है।

 

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