वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक का निर्णय कर्मचारी विरोधी। मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव,अपर सचिव के नाम कलेक्टर कार्यालय व जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन।क्या है मामला पूरी खबर पढ़े

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कोरबा:- वित्त विभाग द्वारा मितव्ययिता व वित्तीय अनुशासन के नाम पर वर्ष में एक बार मिलने वाले वार्षिक वेतन वृद्धि में रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है यह आदेश कर्मचारियों को हतोत्साहित करने वाला तथा. कर्मचारी विरोधी आदेश बताते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की गई है।

छ.ग.टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मनोज चौबे ने मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव, अपर सचिव छ.ग.शासन के नाम पत्र लिखकर वेतन वृद्धि रोकने का आदेश तत्काल वापस लेने व आगामी वार्षिक वेतन वृद्धि निरंतर जारी रखने का आग्रह किया गया है।कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु लागू देशव्यापी लॉक डाउन के कारण राजस्व प्राप्ति पर प्रतिकूल असर पड़ने का हवाला देते हुए राजस्व प्राप्ति का भरपाई कर्मचारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि रोककर करना सर्वदा गलत है। शासन के पास राजस्व प्राप्ति के अन्य माध्यम हैं उनका उपयोग सरकार को करना चाहिए कोरोना संक्रमण काल में निम्न वर्ग को विभिन्न प्रकार के लाभ व सुविधाएं दी जा रही है वहीं कर्मचारियों के हिस्से में वर्ष में एक बार वेतन वृद्धि का समय आता है उस पर भी रोक लगाने से महंगाई के इस दौर में परिवार की आर्थिक व्यवस्था बिगड़ जाएगी।
शिक्षक नेता मनोज चौबे ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर बताया कि कर्मचारी करोना संक्रमण काल में भी इस महामारी से लड़ने हर स्तर पर सहयोग कर रहे हैं.कर्मचारियों ने अपने एक दिन का वेतन भी कोरोना के लड़ाई में सहायता हेतु दिया है। राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता पर पहले से ही अघोषित रोग लगाया हुआ है उसे जारी करने के बजाय वेतन वृद्धि रोक कार वेतन को स्थिर करने का आदेश अव्यावहारिक है।
जिला प्रतिनिधि के रूप में वेदव्रत शर्मा ब्लॉक अध्यक्ष कोरबा व रामचरण साहू जिला महामंत्री ने कलेक्टर कार्यालय कोरबा एवं जिला शिक्षा. अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कहा कि कोरोना की लड़ाई में सरकारी कर्मचारी लगातार जुटा हुआ है चाहे कारेंटीन सेंटर में ड्यूटी हो या फिर प्रवासी श्रमिकों को लाने ले जाने का कार्य हो चाहे घर-घर सर्वे हो कोरोना से संबंधित हर छोटे-बड़े काम किया जा रहा है।कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा होने पर भी ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों को 50 लाख रुपए का बीमा कवर नहीं दिया जा रहा है बल्कि वेतन वृद्धि रोक दिया गया जबकि वर्तमान में सरकारी कर्मचारी के हित में निर्णय लेकर उनका मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है।
प्रमोद सिंह राजपूत, कन्हैया देवांगन, श्रीमती माया क्षत्रिय, श्रीमती मधुलिका दुबे, नरेंद्र चंद्रा, प्रदीप जयसवाल, बुद्धेश्वर सोनवानी, मनोज लोहानी, श्रीमती यशोधरा पाल, रामनारायण रविंद्र, उपेंद्र राठौर,. महावीर चंद्रा, राम शेखर पांडेय, चंद्रिका पांडेय आदि पदाधिकारियों ने वार्षिक वेतन वृद्धि के रोक को कर्मचारियों के सेवा भाव व उनके परिवार के हित में तत्काल वापस लेने की मांग सरकार से की है।

 

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