लोक शिक्षण उप संचालक के जारी आदेश से साबित होता है संविलियन के दौरान समयमान वेतन के आधार पर नही हुई वेतन की गणना मनीष मिश्रा

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रायपुर छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र लोक शिक्षण उप सञ्चालक के जारी आदेश का हवाला देते हुए जारी किए गए आदेश को आधार मानकर पदोन्नति से वंचित समस्त सहायक शिक्षक जिनका संविलियन 8 वर्ष की सेवा अवधि के बाद हुआ है उनका समयमान के आधार पर वेतन निर्धारण कर सहायक शिक्षको की एक सूत्री मांग का निराकरण करने की मांग की है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोक शिक्षण उप सञ्चालक ने जो आदेश जारी किया है उसमें समयमान के आधार पर वेटेज के साथ वेतन भुगतान की बात कही गई है।
उप संचालक ने नियमो के हवाले से संविलियन प्राप्त lb संवर्ग के शिक्षको को लाभ देने की बात कही है।
7 साल में समयमान की पात्रता का नियम पूर्व से निर्धारित किया गया है।
चुकी संविलियन 2018 के दौरान हुए संविलियन में 8 वर्ष की सेवा का होना अनिवार्य किया गया था।
ऐसे में उस समय संविलियन प्राप्त करने वाले पदोन्नति से वंचित सहायक शिक्षको समयमान का लाभ देते हुए वेतन निर्धारण करना था।
परन्तु संविलियन में इस नियम का पालन नही किया गया जिसके चलते सहायक शिक्षको के वेतन में बहुत बड़ा अंतर पैदा हुआ।
लंम्बे समय से फेडरेशन सरकार व विभाग से अपनी एक सूत्री मांग वेतन विसंगति का निदान को लेकर संघर्ष कर रहा है।
8 साल के अनुभव के आधार पर संविलियन प्राप्त करने वाले ऐसे सहायक शिक्षक जो पदोन्नति से वंचित थे उनको समयमान के आधार पर वेतन निर्धारण करते हुए वर्तन प्रदान करना था ।
परन्तु ऐसा नही हो पाया विडम्बना यो ये है कि 20 की सेवा के बाद संविलियन के दौरान दो समयमान वेतन का लाभ देते हुए वेतन भुगतान किया जाना था।

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