बच्चों की एंटीजन जांच में कोरोना पॉजिटिव से हड़कंप…छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक नीलकंठ शार्दूल एवं छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ऋषिदेव सिंह ने  कहा….कक्षा संचालन पर पुनर्विचार आवश्यक

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कोंडागांव।  जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला बडेराजपुर में अध्ययनरत 11 से 14 वर्ष के 22 बच्चों की एंटीजन जांच में कोरोना पॉजिटिव पाया गया । छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक नीलकंठ शार्दूल एवं छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ऋषिदेव सिंह ने बताया कि जिले में मोहल्ला क्लास संचालित है, इस हेतु बकायदा जिला शिक्षा अधिकारी कोंडागांव द्वारा लिखित आदेश जारी किया गया है । आदेश में विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रति दिवस समीक्षा कर पालन प्रतिवेदन प्रेषित करने को कहा गया है । इसी आदेश के परिपालन में कुछ विकास खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा शालाओं में दौरा कर निरीक्षण किया जा रहा है और शालाओं में शिक्षक अनुपस्थित पाए जाने पर कारण बताओ सूचना के माध्यम से वेतन रोकने की कार्यवाही कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की धमकी दी जा रही है । यहां विडंबना देखिए कि बात मोहल्ला क्लास की कही जा रही है, और छापेमारी शालाओं में की जा रही है । शिक्षक मोहल्ला क्लास में रहे या शालाओं में यह भी समझ से परे है । शिक्षक दबाव में आकर मोहल्ला क्लास चला रहे हैं, जिसका परिणाम यह हुआ कि बडेराजपुर के प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए । उक्त संस्था में अध्ययनरत छात्रों में कोई एक परिवार संक्रमित रहा होगा, उस परिवार के बच्चा के माध्यम से बाकी बच्चे संक्रमित हुए होंगे, और हो सकता है कि बच्चों के माध्यम से दूसरे परिवार के लोग भी संक्रमित हुए होंगे । आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है ?
उक्त संबंध में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक नीलकंठ शार्दूल एवं छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ऋषिदेव सिंह ने आगे कहा है कि राज्य शासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा आदेश के तहत मोहल्ला क्लास, ऑफलाइन, ऑनलाइन क्लास, बुलटू के बोल एवं लाउडस्पीकर माध्यम से स्वैच्छिक क्लास संचालित करने की बात कही गई है, परंतु कोंडागांव के अधिकारियों के द्वारा लिखित आदेश जारी कर कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं । विदित हो कि छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी कक्षा संचालित करने के फलस्वरूप बच्चों में कोरोना संक्रमण की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त हो रही है । छत्तीसगढ़ में भी यदि इसी प्रकार से कक्षाएं निरंतर संचालित होती रही तो आने वाले समय में अन्य संस्थाओं में भी संक्रमण फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है ।

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