तकनीकी संविलियन मानते हुए पंचायत/ननि संवर्ग के दिवंगत शिक्षकों के आश्रित को शीघ्र दे अनुकम्पा नियुक्ति….960 परिवार के अनुकम्पा नियुक्ति का निर्णय अब तक क्यो नही,?….जनघोषणा पत्र का हिस्सा है अनुकम्पा नियुक्ति

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रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सं रायपुर। जय शर्मा ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव पंचायत, संचालक पंचायत एवं ग्रामीण विकास छत्तीसगढ़, रायपुर को पत्र लिखकर पंचायत संवर्ग के दिवंगत शिक्षकों के आश्रित को तकनीकी संविलियन मानते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की मांग की है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डॉ कोमल वैष्णव, प्रदेश सचिव मनोज सनाढय, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि शासन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु 10 प्रतिशत के बंधन को शिथिल करने के आदेश का स्वागत करते हुए मांग किया गया है कि जनघोषणा पत्र में शामिल विषय – दिवंगत पंचायत संवर्ग के शिक्षकों के अनुकम्पा नियुक्ति का प्रकरण लंबित है, अतः पीड़ित परिवार को सहारा देने व जनघोषणा पत्र के विषय की पूर्णता हेतु अविलंब निर्णय लिया जावे।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन का तर्क / मांग यह है कि शासन द्वारा 2 वर्ष में संविलियन किया गया है, पंचायत संवर्ग के शिक्षक जिनका जुलाई 2018 के पूर्व निधन हुआ है यदि वे जीवित रहते तो उनका भी संविलियन हो गया होता, अतः दिवंगत पंचायत संवर्ग के शिक्षकों को तकनीकी संविलियन मानते हुए उनके आश्रित को सहायक शिक्षक / सहायक शिक्षक विज्ञान / लिपिक / भृत्य के पदों पर वांछित पात्रता / अर्हता अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जावे।

विभाग में तकनीकी त्याग पत्र व कार्येत्तर स्वीकृति का प्रावधान है, नई नियुक्ति हेतु तकनीकी त्याग पत्र व कार्येत्तर स्वीकृति मानते हुए निर्णय पूर्व में भी लिया गया है।

पंचायत/ननि संवर्ग के 960 शिक्षको का निधन 2012 से 2018 के बीच हुआ है, जिन्हें टेट व डी एड के बिना अनुकम्पा नियुक्ति नही दिया गया है, हमने कई बार सेवा में लेने के बाद 3 वर्ष में अर्हता पूर्ण करने की शर्त पर अनुकम्पा नियुक्ति देने की मांग की, किन्तु मामला आज भी लंबित है, अब जब सभी पीड़ित परिवार के लिए निर्णय हो रहा है तो इन भटकते परिवार के लिए भी शीघ्र निर्णय लेंवे, ताकि दिवंगत पंचायत/ननि संवर्ग के शिक्षकों के आश्रित को सहारा मिल सके।

 

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