कोविड नियंत्रण में ड्यूटी कर रहे शिक्षकों की समस्याओं को लेकर प्रमुख सचिव को शालेय शिक्षक संघ ने सौंपा ज्ञापन….समुचित इलाज व्यवस्था एवं शिक्षकों की सुरक्षा के अभाव पर जाहिर की चिंता

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रायपुर। प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में शालेय शिक्षक संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा , कोविड -19 वैश्विक महामारी के नियंत्रण हेतु सभी जिलों में जिलाधीश द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग, वैक्सीनेशन , रेलवे स्टेशन, बैरियर, होम इसोलेशन प्रभारी आदि के रूप लगाई जा रही है। जिसमें शिक्षकों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,ज्ञातव्य है कि वर्तमान में कोविड का संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे अनेक शिक्षक भी संक्रमित हो रहे है. कुछ शिक्षको का कोविड संक्रमण एवं समुचित चिकित्सा सुविधा के अभाव में निधन हो गया। जो चिंता का विषय है। शालेय शिक्षक संघ ने मांग किया है कि प्रदेश के सभी जिलाधीशों को निर्देशित करें कि कर्तव्य निर्वहन चलते यदि कोई शिक्षक संक्रमित हो जाता है तो उसे त्वरित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए एवं हॉस्पिटल में उनके लिए बिस्तर की सुविधा उपलब्ध हो।
प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने शासन से मांग किया कि कोविड-19 के नियंत्रण के कुछ शिक्षक अथवा उनके परिवार के सदस्य जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त है उनकी डयूटी लगाई गई है उनके द्वारा कर्तव्य मुक्ति हेतु दिए गए आवेदनों पर अतिशीघ्र कार्यवाही किया जावें तथा वह शिक्षक या उनके परिवार के सदस्य जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त है उनके द्वारा दिये गए आवेदनों पर सहनभूतिपूर्वक विचार करते हुए उन्हें इस कार्य से मुक्त किया जाए।
प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा एवं कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि कई जिलों में कॉटेक्ट ट्रेसिंग होम आइसोलेशन प्रभारी आदि टेलीफोनिक कार्य के लिए शिक्षकों कर्मचारियों की ड्यूटी कार्यालय में लगाई गई है . ऐसे कार्य जी घर से भी किया जा सकता है। उसके लिए वर्क फ्रॉम होम हेतु निर्देशित करें जिससे बहुत से शिक्षक संक्रमण से बच जाएंगे।
उन्होंने आगे बताया कि कुछ जिलों में अधिकारियों द्वारा महामारी एक्ट का भय दिखाकर कार्य करने का दवाब बनाया जा रहा है. साथ ही उनके अनुपस्थित होने पर उचित कारण जाने बिना उनके वेतन रोकने जैसी कार्यवाही की जा रही है जो अनुचित है इस महामारी काल में बिना कारण जाने इस तरह से एकतरफा कार्यवाही न उचित नही है ऐसा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए ऐसी कार्यवाही पर रोक लगाया जाए। जिससे शिक्षकों में भयमुक्त कार्य करने का अवसर मिलेगा।

एक अन्य ज्ञापन में शालेय शिक्षक संघ ने प्रदेश के मुखिया एवं मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि हमारे जितने भी शिक्षक साथी है उनकी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए 50 लाख का बीमा कवर प्रदान किया जाए।

 

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