“कार्मिक सम्पदा प्रपत्र में कई बिंदु शिक्षक (एल बी)एवम् शिक्षक(पं/ननि)के लिए अनुपयुक्त सुधार की जरूरत”
कमलेश्वर सिंह
रायपुर। राज्य शासन दुवारा विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को कार्मिक सम्पदा प्रपत्र भराने का कार्य जोर शोर से किया जा रहा है यह तक की संस्था प्रमुख इस माह में प्रपत्र नही भरने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने का भी नोटिश दिया है । अब तक स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन किये गए शिक्षक(एल बी) का पूर्व नियोक्ता दुवारा सेवा पुस्तिका को अपडेट कर वर्तमान वेतन आहरण संवितरण अधिकारियो को क्रमोन्नति/समयमान में उच्चतर वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण कर रिवाइज्ड एल पी सी प्रेषित नही किया है वहीँ शिक्षक( पंचायत/नगरीय निकाय ) को प्रपत्र भरना है या नही स्पष्ट नही है । पूर्व नितोक्ता दुवारा सेवा पुस्तिका में न तो शेष अर्जित अवकाश और ना ही अन्य अवकाश को अभिलेखित किया है । सेवा पुस्तिका में केवल प्रथम पृष्ट को सत्यापित किया है इसके बाद कोई भी पृष्ट पूर्ण नही है ।इस स्थिति में प्रपत्र की पूर्ति कैसे की जायेगी ।प्रपत्र की बिंदु क्रमांक 03 का ।,।।,।।।,।v पूरी तरह से शिक्षक (एल बी) सवर्ग के लिए भ्रमित करने वाला है ।शिक्षक (एल बी) का भूतलक्षी प्रभाव से अब तक स्तरोन्नयन -क्रमोन्नति समयमान में उच्चतर वेतनमान न तो वरिष्ठ वेतनमान दिया है जबकि एक ही पद में 22 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है । कॉलम में नई नियुक्ति का उल्लेख जबकि शिक्षक (एल बी) का संविलयन हुआ है । प्रथम निययक्ति 1998 है उसे कैसे 1.7.2018 लिखा जा सकता है ?
v।। (c) में वसूली की गई राशि भरना है जबकि पूर्व नियोक्ता दुवारा pay रिवाइज्ड करने पर शिक्षक(एल बी) को एरियर्स मिलेगा इसका उल्लेख कहा होगा ?
अतः कार्मिक सम्पदा प्रपत्र में पूर्व संविलयन कर्मचारियों के लिए अलग से प्रपत्र जोड़ा जाये ।जिन कर्मचारियों पूर्व विभाग से pay रिवाइज्ड के पश्चात कितना एरियर्स का भुगतान सम्बंधित विभाग दुवारा किया जायेगा ,क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान में उच्चतर वेतनमान का लाभ मिला है या नही इसका भी प्रपत्र में उल्लेख होना चाहिए शिक्षा कर्मी के रूप में प्रथम नियुक्ति तिथि को वर्तमान सेवा में गणना की जाये । निम्न से उच्च पद पर अनुमति लेकर या बिना अनुमति से वर्तमान पद ग्रहण किया है या नही इसका भी उल्लेख प्रपत्र हो ततपश्चात ही एक समान्य प्रक्रिया के तहत ही कार्मिक सम्पदा प्रपत्र पूर्ण कराया जाये ।प्रतिमाह वेतन भुगतान की प्रक्रिया को ना रोका जाये ।