कर्मचारी संगठनों में फूट की वजह से ही हो रही प्रदेश में कर्मचारियों को दुर्दशा….किसी कमर्चारी समूह की मूल माँग तो छोड़िए DA तक नसीब नही हो रहा…शालेय शिक्षक संघ ने कहा अब वक्त है कर्मचारी एकता का…..सभी संगठन बैनर तले इकठ्ठे होकर करें आंदोलन तभी मिलेगी सफलता….वीरेंद्र दुबे की अपील-आपसी मतभेद से हो रहा भारी नुकसान,कर्मचारी जब जब एकजुट हुए परिणाम लेकर उठे….एकजुटता ही सफलता की प्रथम आवश्यकता

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रायपुर। भूपेश बघेल सरकार को अब तीन वर्ष पूर्ण हो चुके हैं,इन तीन वर्षों में सरकार का पूरा फोकस केवल किसानों पर रहा है,जिसकी वजह से राज्य कर्मचारियों DA तक नसीब नही हो रहा है। जबकि हर विभाग के कर्मचारियों की अपनी समस्याएं होती है जिसके निराकरण हेतु वे अपने अपने सन्गठन से मांग उठाते रहते हैं किंतु इन तीन वर्षों में किसी कर्मचारी सन्गठन के किसी भी मूलमाँग पर कोई निर्णय सरकार द्वारा नही लिया गया है। दुर्भाग्य तो यह है कि हर कर्मचारियों को हर छः माही मिलने वाला महंगाई भत्ता भी इन तीन वर्षों में केवल 2 बार ही मिला है जिसकी वजह से राज्य के कर्मचारी केंद्र व अन्य राज्य के कर्मचारियों से DA के मामले में बहुत पीछे हैं जिससे राज्य के प्रत्येक कर्मचारी को लगभग 6000 से 15000 का नुकसान प्रतिमाह हो रहा है।

*छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे* ने कर्मचारियों को होने वाले इन नुकसानों के पीछे प्रमुख वजह कर्मचारियों की एकजुटता का न होना बताते हुए ये अपील किया है कि प्रदेश के सभी कर्मचारी सन्गठन भले ही अपनी मूल मांगो को लेकर पृथक पृथक बात रखे परन्तु ऐसे मसले जो सभी कर्मचारियों के हित मे होता है ऐसे मिनिमम कॉमन समस्याओं के लिए उन्हें अपने आपसी मतभेद भूलकर एकजुट हो जाना चाहिए। संगठनों की इसी आपसी मतभेद का फायदा सरकार उठा रही है तभी DA जैसे भत्तों के लिए भी प्रत्येक कर्मचारी को तरसा रही है। अब वक्त आ गया है कि हम सभी कर्मचारी संगठनों को एक स्वर में अपनी मांग सरकार के समक्ष दमदारी से बात रखनी चाहिए। सन्गठन को हमेशा तटस्थ रहकर कर्मचारी हित मे सरकार से मांग करनी चाहिए,सरकार की चाटुकारिता अथवा सौदेबाज़ी से सभी सन्गठन को दूर रहकर ईमानदारी से केवल कर्मचारी हित मे निर्णय लेने चाहिए। छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ हमेशा ही एकता का पक्षधर रहा है और हमेशा शिक्षक हित मे हर मतभेद भूलकर विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर अनेकों आंदोलन किये और हमेशा परिणाम भी लिए। इसलिए छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक सभी सन्गठन के नेतृत्वकर्ताओं से अपील करता है कि आपसी मतभेद भूलकर एक साथ संघर्ष करें।

*सन्गठन के महासचिव धर्मेश शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा* ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों के बीच व्याप्त मतभेदों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इन्ही मतभेदों का लाभ उठाती है और वर्तमान में हो रही कर्मचारी उपेक्षा का यही एकमात्र कारण भी है। प्रदेश के समस्त शिक्षक/कर्मचारी/अधिकारी संगठनों को कम से कम DA व अन्य भत्तों के लिए तो अपने सारे मतभेद भूलकर एकजुटता के साथ संघर्ष करना चाहिए तभी हम सफल हो सकते हैं।

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय,जिला,ब्लाक व समस्त पदाधिकारियों ने सभी कर्मचारी संगठनों से एकजुट होने की अपील की है।

 

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