शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय ने कहा समर कैंप के बारे में जानकारी नहीं…शिक्षकों की मांग पर कहा इसकी समीक्षा की जाएगी

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अंबिकापुर/रायपुर। इन दिनों पूरा शिक्षा विभाग समर कैंप आयोजित करने को लेकर व्यस्त है,दूसरी तरफ शिक्षकों के द्वारा समर कैंप का हर स्तर पर विरोध किया जा रहा है।शिक्षकों का कहना है कि गर्मी की छुट्टी में इस तरीके से कैंप का आयोजन कर केवल शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। शासकीय स्कूलों में कूलर, पंखे एवं पेयजल की व्यवस्था नही रहता है ,और ऐसे में बच्चों को प्राइवेट स्कूलों की तरह जहां हर प्रकार की सुविधा रहती है,समर कैंप के नाम पर बुलाना छत्तीसगढ़ के नौनिहालों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रचंड गर्मी में समर कैंप का आयोजन को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह के समक्ष शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने समर कैंप आयोजन के अस्तित्व पर सवाल उठाया।पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह ने कहा कि शासकीय स्कूलों में समर कैंप आयोजन के संबंध में उन्हें जानकारी मिली है वह इस आयोजन के उद्देश्य व उपयोगिता का परीक्षण कराएंगे उसके बाद उचित निर्णय लिया जाएगा। शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा मंत्री को अवगत कराया कि कई ऐसे स्कूल हैं जहां बिजली नहीं है पंखे की भी सुविधा नहीं है पानी के लिए भी विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ सकता है सामान्य दिनों में कई बच्चे स्कूल नहीं आते ऐसे में गर्मी के दिनों में उनका स्कूल पहुंचना आसान नहीं है शादी विवाह का सीजन चल रहा है बच्चे भी परिवार के सदस्यों के साथ छुट्टियां मनाने भी जा रहे हैं ऐसे में समर कैंप आयोजन पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए इधर प्रदेश में गर्मी रोज बढ़ रही है पारा लगभग 46 डिग्री पहुंचने की स्थिति में है और ऐसे में छात्रों को स्कूलों में बुलाया जाना कतई उचित प्रतीत नहीं होता धूप में आने जाने से उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम शास्त्री ने कहा कि समर कैंप आयोजन का उपयोगिता कितनी है सभी तत्वों का परीक्षण कराया जाएगा उसके बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि
प्रदेश के शिक्षा मंत्री को लाखों बच्चो के कार्यक्रम समर कैंप की जानकारी नही,है ,मतलब,,,एस सी ई आर टी ने मनमर्जी से कार्यक्रम तय किये,,,किसके प्रशासकीय स्वीकृति से कार्यक्रम तय किये गए,,? अधिकार किसके पास है? ये अपने आप मे कई सवाल खड़ा करने वाला है।

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