रायपुर 10 सितंबर 2018। प्रदेश सरकार के द्वारा शिक्षाकर्मियों के शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद अब शिक्षक सम्मेलन के रूप में सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करने की तैयारी चल रही है।मोर्चा संचालकों ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अविभाजित मध्यप्रदेश से 1994-95 से लागू शिक्षाकर्मी व्यवस्था छत्तीसगढ़ को विरासत में मिली थी, जिसका विरोध व समाप्त करने की कवायद इस व्यवस्था के प्रारंभ से ही जारी रहा तथा दोहरी और भेदभाव पूर्ण व्यवस्था को समाप्त करने के लिए संविलियन की मांग तथा अगणित प्रयास शिक्षाकर्मियों ने इसके लिए निरंतर जारी रखा।प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह की सरकार ने 30 जून को ऐतिहासिक एवं साहसिक निर्णय लेते हुए शिक्षाकर्मियों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन का अभूतपूर्व ऐतिहासिक निर्णय लेकर शिक्षाकर्मियों की बहुप्रतीक्षित मांग को न केवल पूरा किया बल्कि मिशन मोड में निर्णय का क्रियान्वन करते हुए लगभग 110000 शिक्षा कर्मियों को शासकीय कर्मचारी बनाने की प्रक्रिया पूर्ण की।शिक्षाकर्मियों को शिक्षा विभाग में संविलियन का समस्त कर्मचारियों ने हृदय से स्वागत किया है तथा यह भी विश्वास व्यक्त किया है कि सरकार शीघ्र ही शेष शिक्षाकर्मियों का संविलियन यथाशीघ्र करेगी तथा अन्य समस्याओं का समाधान भी सकारात्मक तरीकों से यथाशीघ्र होगा।संविलियन के के अभूतपूर्व ऐतिहासिक व साहसिक कदम तथा उसकी अनुभूति को चिरस्मरणीय बनाने के लिए 30 सितंबर 2018 को राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में शिक्षक महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।जिसके मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह तथा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल होंगे कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्रीगण विशिष्ट अतिथि होंगे। उक्त सम्मेलन समस्त शिक्षकों का सम्मेलन है जिसमें समस्त संगठन तथा समस्त वर्ग के शिक्षक सक्रिय सहभागिता के लिए सादर आमंत्रित किए जा रहे हैं।