NPS व OPS का विकल्प देंवे प्रधानमंत्री….जिस तरह किसानों के लिए MSP का महत्त्व है….उसी तरह कर्मचारियों के लिए OPS का है

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प्रधानमंत्री जी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा है कि नए कृषि कानून में MSP समाप्त नही होगा, बल्कि किसानों के पास ज्यादा दाम में बाहर बेचने का विकल्प रहेगा।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (NOPRUF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत, छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक वीरेंद्र दुबे, राष्ट्रीय आईटी सेल प्रभारी बसंत चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री जी से मांग व निवेदन किया है कि 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी बाजपेयी जी द्वारा लाए गए नवीन अंशदायी पेंशन योजना (NPS) को लेने का विकल्प का प्रावधान किया जावे, जो कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना में रहना चाहते है, उन्हें OPS के दायरे में ही रखा जावे तथा जो कर्मचारी NPS का विकल्प चयन करना चाहते है तो उनके लिए MSP की तरह NPS का विकल्प खुला रखा जावे।

ज्ञात हो कि अभी देश भर में 60 लाख कर्मचारी NPS का विरोध कर OPS लागू करने की मांग कर रहे है, ऐसे में कर्मचारियो की मांग व भावना के अनुरूप NPS और OPS में विकल्प चयन देकर कर्मचारियो के साथ न्याय किया जावे, नई पेंशन योजना बाजार आधारित व्यवस्था है, जिसका कर्मचारी खुला विरोध कर रहे है, सेवा निवृति के बाद कर्मचारियो के लिए मात्र कुछ सौ रुपये ही मिलते है, पर्याप्त नियमित मासिक पेंशन की व्यवस्था नही होती, भूख मरने की स्थिति आ जाती है जिससे विरोध का स्वर देश भर में तेज हुआ है।

1 जनवरी 2004 को देश मे नई पेंशन लागू हुआ था, जिसका पूरे देश मे विरोध किया जा रहा है, राष्ट्रीय पुरानी पेनशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा 1 जनवरी 2021 को “NPS ब्लैक डे” घोषित कर विरोध किया जाएगा, छत्तीसगढ़ के 2.50 लाख NPS कर्मचारी अपना नई पेंशन योजना का विरोध दर्ज करते हुए NPS व OPS में विकल्प देने की मांग करेंगे।

 

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