भोपाल 29 मई 2018।अब वर्षों से संविलियन के सपने देख रहे मध्य प्रदेश के अध्यापकों(शिक्षा कर्मियों) को अब संविलियन का लाभ देने का निर्णय आज मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट ने लिया है।आपको बता दें की संविलियन की मांग को लेकर अध्यापक संवर्ग एवं छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी वर्षों से संघर्षरत हैं। मध्य प्रदेश के पौने तीन लाख से ज्यादा अध्यापकों को राज्य सरकार बड़ा तोहफा दिया है। आज शिवराज कैबिनेट की बैठक में इन अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन को हरी झंडी दे दी गई है। सरकार के इस कदम से अध्यापक और शिक्षक में लंबे समय से चला आ रहा वर्ग भेद खत्म हो जाएगा और अध्यापक भी नियमित शिक्षकों के समान नियमित हो जाएंगे और सारी सरकारी सुख सुविधाओं का लाभ पा पाएंगे । इनमें पेंशन, ग्रेच्युटी, बीमा, शासकीय आवास ,अनुकंपा नियुक्ति जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल है। इतना ही नहीं इन अध्यापकों को सरकार सातवां वेतनमान भी देगी जो मध्यप्रदेश के 2.84 लाख अध्यापक इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। सहायकअध्यापक ,अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक के रूप में काम कर रहे अध्यापकों को सातवा वेतनमान मिलने से 4000 रू से लेकर 8000 रूप्रतिमाह तक का फायदा भी होगा। चुनावी साल में सरकार का यह मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है और 15 साल बाद ही सही सरकार अपने उस वादे को पूरा करने में कामयाब हो रही है जिसमें उसने शिक्षा विभाग से संविदा कल्चर खत्म करने की बात कही थी। मध्यप्रदेश में संविलियन का निर्णय कैबिनेट में पारित हो जाने से छत्तीसगढ़ में भी शिक्षाकर्मियों के उम्मीदें एक बार फिर जाग उठी हैं शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने कहा कि अब कोई संशय की स्थिति नही रह गई है *कैबिनेट की बैठक में मध्यप्रदेश के शिक्षाकर्मियों के संविलियन के निर्णय का छत्तीसगढ़ के शिक्षा कर्मी स्वागत करते है, हम आज जिला, ब्लॉक, नगर, गांव में पटाखे फोड़ कर और मिठाई बांटकर इसकी खुशियां मनाएंगे,छत्तीसगढ़ में भी सरकार वर्ग 3 को समानुपातिक वेतन व सभी को क्रमोन्नति वेतनमान देकर तत्काल शिक्षाकर्मियों का संविलियन करे