नई दिल्ली। केंद्र और राज्य सरकार के संस्थानों से टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स करने वाले करीब 30 हजार शिक्षकों और छात्रों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को बड़ी राहत दी। इन सभी की डिग्री को अब मान्य कर दिया है। बगैर मान्यता लिए इन कोर्सों को संचालित करने से एनसीटीई ने इन संस्थानों की डिग्री को अमान्य कर दिया था जिससे इन सभी का भविष्य दांव पर लग गया था। इन 30 हजार लोगों में करीब 17 हजार वर्किंग शिक्षक और करीब 13 हजार छात्र शामिल थे।
इस बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी संस्था नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने एक अधिसूचना जारी कर देश के ऐसे सभी 23 संस्थानों से शैक्षणिक सत्र 2017-18 से पहले तक कोर्स करने वाले छात्रों की टीचर ट्रेनिंग से जुड़ी डिग्रियों को मान्यता दे दी है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि छात्रों और शिक्षकों से जुड़ी यह समस्या पिछले काफी समय से चली आ रही थी। पिछले दिनों ही यह जानकारी में लाई गई। जिसके बाद मंत्रालय ने तुरंत फैसला लिया है।
23 संस्थानों ने शुरू किए थे कोर्स
केंद्र और राज्य सरकार से जुड़े देश के इन 23 संस्थानों ने जानकारी न होने के चलते अपने यहां बगैर एनसीटीई से अनुमति लिए टीचर ट्रेनिंग कोर्स शुरू कर दिया था। जबकि नियमों के तहत एनसीटीई से अनुमति लिए बगैर कोई भी संस्थान ऐसे कोर्स नहीं शुरू कर सकता है। ऐसा करने वाले संस्थानों की डिग्रियां अमान्य होंगी।
Acharya Devo Bhava : Interacting with teachers from across India #EducationMinisterGoesLive https://t.co/F9dBJlWubP
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 14, 2020