वार्षिक वेतन वृद्धि में रोक लगाना – कर्मचारी विरोधी निर्णय, सरकार इस आदेश को तत्काल वापस ले…कोरोना काल मे सभी वर्ग को सहायता तो कर्मचारियो के लिए कठोर निर्णय क्यो,?

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वार्षिक वेतन वृद्धि में रोक लगाना – कर्मचारी विरोधी निर्णय, सरकार इस आदेश को तत्काल वापस ले…कोरोना काल मे सभी वर्ग को सहायता तो कर्मचारियो के लिए कठोर निर्णय क्यो,?

*पहले मंहगाई भत्ता पर अघोषित रोक तो अब इंक्रीमेंट पर स्पष्ट रोक- टीचर्स एसोसिएशन एसोसिएशन ने जताया विरोध*

*छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा एवं जिलाअध्यक्ष ओमप्रकाश सोनकला ने कहा है कि वित्त विभाग द्वारा मितव्ययिता व वित्तीय अनुशासन के नाम पर वर्ष में एक बार मिलने वाले इंक्रीमेंट में रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है, यह कर्मचारियों को हतोत्साहित करने वाला तथा कर्मचारी विरोधी आदेश है।कोविड -19 के संक्रमण के बचाव हेतु लागू देशव्यापी लॉक डाउन के कारण राजस्व प्राप्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का हवाला देते हुए राजस्व प्राप्ति की भरपाई कर्मचारियों के इंक्रीमेंट रोककर करना सर्वथा अनुचित तथा असहनीय है।शासन के पास राजस्व प्राप्ति के अन्य माध्यम भी है उनका उपयोग सरकार को करना चाहिए।कोरोना संक्रमण काल मे निम्न वर्ग को विभिन्न प्रकार के लाभ व सुविधाएं दी जा रही है, वही उद्योग, व्यापार के लिए सहायता का पैकेज जारी किया गया है, तो कर्मचारियो के हिस्से में वर्ष में एक बार वेतनवृद्धि का समय आता है, उस पर रोक लगाने से महंगाई के दौर में उनके परिवार की व्यवस्था बिगड़ जाएगी, आखिर सरकार कर्मचारियो के लिए ऐसे कठोर निर्णय कैसे ले सकती है,इस आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने की है।*ज्ञात हो कि प्रदेश के सभी कर्मचारी वर्तमान करोना काल मे भी इस महामारी से लड़ने हर स्तर पर सहयोग कर रहे है, कर्मचारियो ने अपने वेतन से 1 दिन का वेतन भी कोरोना लड़ाई में सहायता हेतु दिया है, ऐसे में उनके इंक्रीमेंट को रोकना मतलब कर्मचारियों के कार्य करने की क्षमता पर अवरोध उतपन्न करना है।पहले से ही अघोषित रूप से मंहगाई भत्ता रुका हुआ है, उसे जारी करने के बजाय वेतन वृद्धि रोककर वेतन को स्थायी करने का आदेश अव्यवहारिक है, कर्मचारियो की सेवाभाव व कर्मचारी परिवार के हित में इस आदेश को सरकार तत्काल वापस ले।* *जिस पर संघ के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश सोनकला, अंजुम शेख, योगेश ठाकुर, सुखनंदन साहू, आयुष पिल्ले,टिकेश्वरी साहू,जीतेन्द्र मिश्रा,मनोज मुछावड़, व्सीएल साहू, हरीश दीवान, गोपाल वर्मा, कन्हैया कंसारी, अतुल शर्मा, बुद्धेश्वर बघेल, रविंद्र सॉन्गसुरतान, शिव साहू ,इन्द्रजीत वर्मा,अनिल वर्मा,बृजलाल वर्मा, अनूप कूटारे कृष्ण कुमार जांगड़े, मदन वर्मा, राजेंद्र शर्मा, छम्मन पाल,कॄपा माहेश्वरी,विजय गिलहरे,भुवन अवसरिया, प्रफुल्ल मांझी,रूद्र तिवारी, दिनेश आडिल ,विक्रम ध्रुव,विनोद ताम्रकार,समर अब्बासी, अंजलि परिहार, जागृति साहू,अंजूलता गिलहरे,टिकेश्वरी श्रेय, कल्याणी वर्मा,अलंकार परिहार ,विनोद साहनी,युवराज सिन्हा,मोती ध्रुव, मेघराज साहू, राधेश्याम बंजारे, पुरंजन साहू , सरस्वती राघव, विभा सिंह परिहार,राकेश सोनबरसा,भोला वर्मा,मुकेश गायकवाड़,जीतेन्द्र निषाद,नागेन्द्र कंसारी, संतोष सोनवानी,मोहित साहू,राममिलन सोनवानी, प्रशांत साहू, टेक राम कंवर,रूपेश बंजारे, रफीउद्दीन शेख, मोतीमाला साहू,कंचनलता यादव, ममता ठाकुर,शीला ठाकुर,अरूणा तिवारी सहित जिला एवं ब्लॉक पदाधिकारियो ने शासन के उक्त आदेश पर आपत्ति जताते हुए शीघ्र आदेश को वापस लेने की मांग की है।*

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