रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 2004 में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर बाजार आधारित नई पेंशन योजना प्रारभ की, तब बताया गया था कि कर्मचारियो को लाभ मिलेगा, लेकिन इसकी सच्चाई को समझते हुए कार्यपालिका के लिए इसे थोपा गया, जबकि विधायिका के लिए पुरानी पेंशन ही रखा गया, कार्यपालिक वर्ग 2004 के बाद बाजार की भेंट चढ़ गए जबकि विधायिका पुरानी पेंशन शुकुन से ले रहे है।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिन एक नवम्बर को प्रदेश भर के शिक्षक संवर्ग सत्कार, अधिकार व प्रतिकार दिवस के रूप में मनाएंगे –
“सत्कार दिवस” – 01 नवम्बर को शिक्षा कर्मी व्यवस्था का काला अध्याय समाप्त होने के कारण शिक्षक सम्मान व सरकार द्वारा एक वादा निभाने हेतु सत्कार दिवस मनाया जाएगा।
“अधिकार दिवस” – क्रमोन्नति, पदोन्नति, वेतन विसंगति, अनुकम्पा नियुक्ति, लंबित महंगाई भत्ता, जुलाई से संविलियन के साथ 2 वर्ष से अतिरिक्त सेवा अवधि के लिए वेटेज देते हुए वेतन के निर्धारण हेतु अधिकार दिवस मनाया जाएगा।
“प्रतिकार दिवस” – 01 नवंबर 2004 से छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन के स्थान पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू किया गया है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन द्वारा 01 नवंबर को छत्तीसगढ़ के 3.50 लाख एन पी एस कर्मचारियों के लिए काला दिन बताते हुए प्रतिकार दिवस मनाया जाएगा।
यह विडंबना का ही विषय है कि छत्तीसगढ़ नया राज्य बना, किन्तु यहाँ 23 वर्ष की सेवा के बाद भी एल बी संवर्ग के शिक्षको को क्रमोन्नति नही मिली, जबकि मध्यप्रदेश में साथ ही आदेश पर नियुक्त शिक्षको को क्रमोन्नति की सौगात पूर्व में ही मिल चुकी है, जिससे वहां वेतन अधिक है।