1 नवंबर बाद बर्षो से चली आ रही शिक्षाकर्मी प्रथा का लगभग हो जाएगा अंत…जिले के 672 शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में हो जाएगा संविलियन…केवल 1 शिक्षाकर्मी ही रहेगा संविलियन के लिए शेष…सरकार के संपूर्ण संविलियन के सौगात का छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने किया स्वागत…विसंगति रहित वेतन निर्धारण की जताई उम्मीद

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बालोद— छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दिलीप साहू, प्रदेश संगठन सचिव प्रदीप साहू, जिला संयोजक बीरबल देशमुख, रामकिशोर खरांशु एवं जिला सचिव नरेंद्र साहू ने बताया कि लंबे समय के संघर्ष के बाद अब पूरे प्रदेश में कार्यरत शिक्षा कर्मियों का पूर्ण संविलियन की प्रक्रिया एक बार फिर 1 नवंबर को की जा रही है! राज्य स्थापना दिवस पर राज्य सरकार यह सौगात उन शिक्षा कर्मियों को देने जा रही है जिनका संविलियन नही हुआ था! पूरे प्रदेश में लगभग 16 हजार से अधिक शिक्षा कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा! जानकारी के अनुसार बालोद जिले में 673 शिक्षा कर्मी अभी संविलियन से वंचित है! जिनमें से 1 नवंबर को जिले के 672 शिक्षा कर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन हो जाएगा,, केवल 1 शिक्षा कर्मी संविलियन के लिए शेष रहेंगे!
जारी यह माह अशासकीय शिक्षक के रूप में शिक्षा कर्मियों के लिए अंतिम प्रहर ही है! 1 नवम्बर को सम्पूर्ण संविलियन की बारी है! यह सौगात कोई खैरात में नही मिली है, इसके लिए वर्षो माँग, ज्ञापन, आंदोलन, प्रदर्शन, हड़ताल, निलम्बन, बर्खास्तगी की कहानी है!
पूर्व शासन में 8 वर्ष की सेवा पर संविलियन का निर्णय हुआ है, जिससे कई शिक्षा कर्मियों के मन में असंतोष था! इसी बात को विषय बनाकर 2 वर्ष में संविलियन की बात जनघोषणा पत्र में समाहित किया गया था! प्रथम संविलियन का निर्णय तो 8 वर्ष की अवधि को बनाकर किया गया था, वर्तमान में 8 वर्ष की अवधि को घटाकर जनघोषणा पत्र के वादा अनुरूप 2 वर्ष के आधार पर 1 नवम्बर से किये जाने का आदेश भी क्रिया शील है।1 नवम्बर छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना का दिवस है! इस दिन शिक्षक की गरिमा को कम करने वाला अशासकीय पद समाप्त होगा तथा संपूर्णता से शासकीय शिक्षक के पद वाला सोपान प्रारम्भ होगा! छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने सरकार द्वारा वादा निभाने के निर्णय का सत्कार किया है!
1 नवम्बर के सत्कार दिवस पर शिक्षको के मन मे उहापोह है! कुछ शिक्षक नाखुश इसीलिए है कि उन्हें तो पूर्व नियम से जुलाई 2020 में ही संविलियन हो जाना था पर अब तक उन्हें सरकार के 2 वर्ष वाले इस नियम को झेलना पड़ गया है! कई ऐसे भी शिक्षक वर्ग है, जिन्हें कहने को संविलियन की लालीपाप मिल रही है क्योंकि वे तो पूर्व आदेश से ही जनवरी 2021 में संविलियन हो रहे थे! ऐसे शिक्षक भी है, जिन्हें वास्तविक संविलियन की सौगात मिली है, जिनकी सेवा 2-3 वर्ष ही हुआ है!वास्तव में सेवा अवधि घटाकर 2 वर्ष में संविलियन के निर्णय की सफलता इसी वर्ग पर है!
पूर्व के संविलियन से पहले ही 2013 में सही वेतन निर्धारण नही होने से विसंगतिपूर्ण वेतन का सही निर्धारण अब तक नही हुआ है, हालांकि विभाग द्वारा रिवाइज्ड एलपीसी हेतु निर्देश है, पर उसका क्रियान्वयन ही अब तक नही हुआ है! अभी 2 वर्ष, 3, 4, 5, 6, 7 वर्ष के शिक्षको को वेतन वृद्धि के साथ अलग अलग वेतन प्राप्त है!टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को शिक्षको द्वारा अवगत कराये जाने के बाद ही 2 वर्ष से अतिरिक्त सेवा अवधि के लिए वेटेज देते हुए वेतन निर्धारण के लिए मांगपत्र संघ द्वारा जिम्मेदारों तक दिया गया है! अभी अवसर है, 1 नवम्बर को सम्मान व सत्कार का! किन्तु देखना होगा 2 वर्ष में सम्पूर्ण संविलियन के बाद विसंगतिपूर्ण वेतन का पुनः निर्धारण न हो जाय!
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन बालोद के सभी पदाधिकारियों ने संपूर्ण संविलियन का स्वागत कर वेतन विसंगति को भी संपूर्ण रूप से समाप्त करने शासन से उम्मीद व्यक्त किया है!

*”22-23 वर्षों के लंबे संघर्ष उपरांत संपूर्ण संविलियन से एक सुखद एहसास हो रहा है!संघर्ष की इस लंबी यात्रा में कई उतार चढ़ाव व कई साथियों के खोने की दुखद यादें सेवा काल व तद्उपरांत भी सदैव पीड़ा देती रहेगी! 1 नवंबर के बाद शिक्षाकर्मी प्रथा का लगभग अंत हो जाएगा! सरकार का संपूर्ण संविलियन का निर्णय स्वागत योग्य है! संविलियन उपरांत अभी भी शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के समान समभाव व लाभ हित की अपेक्षा संविलियित शिक्षकों को है!”*

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