रायपुर- प्रदेश मीडिया प्रभारी हरीश सन्नाट ने बताया कि रायपुर जिले में स्वास्थ्य कर्मियों पर लगातार हो रही निलंबन की कार्यवाही के लिए स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने आपत्ति व्यक्त किया है, संघ के प्रांताध्यक्ष टारजन गुप्ता एवं प्रांतीय सचिव प्रवीण ढ़ीडवंशी ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक महिला/पुरुष कर्मचारी उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ होते हैं एवं इनके द्वारा ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन के साथ ही ओ.पी.डी. , प्रसव, टीकाकरण के अलावा ऑनलाइन एंट्री का कार्य भी किया जाता है | ये आम ग्रामीण जनता के बीच रहकर स्वास्थ्य सेवाएं देते हैं एवं आम ग्रामीण जनता के साथ घर पहुंच सेवाएं देते-देते उनके के सदस्य हो जाते हैं |
ऐसे में जिले के अधिकारी द्वारा लगातार दौरा कर कार्य में अनुपस्थित बताकर बिना विभागीय जांच के लगातार निलंबन की कार्यवाही करना कर्मचारियों के मन में डर का माहौल उतपन्न कर रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य संयोजकों के द्वारा 24 घण्टे ग्रामीण एवं आम जनों के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराया जाता है | एक महिला स्वास्थ्य संयोजक जब रात भर जाग के प्रसव कराती है उसके बावजूद अगले दिन टीकाकरण की सेवा के लिए उपस्थित हो जाती है तब ये अधिकारी इनको प्रोत्साहित नही करते हैं , रात को 2 बजे भी ग्रामीण जन में बुखार, दस्त एवं अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तैयार रहते है | ऐसे में फील्ड के स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए एकतरफा कार्यवाही करना न्यायसंगत नही है | एक महिला एवं पुरुष स्वास्थ्य संयोजकों को उप स्वास्थ्य केंद्र के अलावा अपने आश्रित ग्राम में भी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना होता है जिसकी संख्या 2 से 5 तक होती है |
इसी तरह का मामला धरसीवां ब्लॉक के बरबंदा उप स्वास्थ्य केंद्र के सामने आया है जहां पर महिला स्वास्थ्य संयोजिका अपने आश्रित ग्राम में टीकाकरण का कार्य कर रही थी , एवं उसी समय जिले के अधिकारी उप स्वास्थ्य केंद्र में भ्रमण के लिए गये एवं कार्य में अनुपस्थित बताकर उनके बिना नोटिस एवं विभागीय जांच के निलंबित कर दिया गया , जबकि उसके इस संबंध में साक्ष्य एवं प्रमाण के साथ मितानिन , आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , एवं ग्राम के सरपंच के द्वारा लिखित में पत्र दिया गया है कि वह उस तिथि को ग्राम में टीकाकरण कर रही थी , महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने इस संबंध में कलेक्टर एवं संघ के सामने न्याय की गुहार लगाई है | अब संघ स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लगातार हो रही कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री , स्वास्थ्य सचिव व स्वास्थ्य संचालक से शिकायत के साथ ज्ञापन सौपेंगे एवं निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग करेंगे |
जब तक ग्रामीण जनता एवं ग्राम के जन प्रतिनिधि स्वास्थ्य कर्मियों के कार्यों को लेकर शिकायत ना करे एवं शिकायत की विभागीय जांच न हो तब तक किसी भी स्वास्थ्य संयोजकों पर कार्यवाही होना जिले के विभागीय अधिकारियों की तानाशाही है ऐसे में स्वास्थ्य संयोजक कमर्चारी संघ जिला के अधिकारी की घेराव एवं उग्र आंदोलन करने के लिए विवश हो रहे हैं , संघ नये सरकार के विरोध में किसी भी तरह से आंदोलन नही करना चाह रही है पर जिले के अधिकारी, कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने के लिए उकसा रहें है ऐसे में अगर शासकीय कार्य प्रभावित कर आंदोलन होता है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिले के अधिकारियों की होगी |