बिलासपुर। छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद बिलासपुर के महासम्मेलन में हजारो छत्तीसगढ़िया ब्राह्मण इकट्ठे हुए, उन्होंने मिलकर आगे बढ़ने का संदेश दिया, महासम्मेलन में विद्वतजनों से यह बात स्पष्ट हुआ कि “ब्रह्म जानाति ब्रह्मणः” जो ब्रम्हा को जानता है वही ब्राह्मण है, ब्राह्मण की उत्पत्ति सिर से हुई है तब से ब्रह्मा ने समग्र समाज की सेवा करने ब्राह्मणों को निर्देशित किया है, इसीलिए ब्राह्मण सर्व समाज मे सद्भाव बढ़ाने प्रयासरत रहेगा और वे समन्वय के दायित्व का निर्वहन निरन्तर जारी रखेंगे।
महासम्मेलन को प्रदीप शर्मा – सलाहकार मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, ज्ञानेश शर्मा – अध्यक्ष योग आयोग, सुरेंद्र शर्मा – अध्यक्ष कृषक कल्याण बोर्ड, प्रमोद दुबे – सभापति नगरपालिक निगम रायपुर, श्रीमती हर्षिता पांडेय – सलाहकार राष्ट्रीय महिला आयोग, संतोष उपाध्याय पूर्व विधायक राजिम, जवाहर दुबे पूर्व विधायक अकलतरा, जितेंद्र शुक्ला – कलेक्टर बेमेतरा, टी पी शर्मा – पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय, लोकायुक्त छत्तीसगढ़, बृजेश मिश्रा – आई ए एस, राकेश चतुर्वेदी – आई एफ एस अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड, एस डी बड़गैय्या – डीएफओ, विनय पाठक – पूर्व अध्यक्ष राजभाषा आयोग, डॉ हर्षवर्धन तिवारी, मणिधर दीवान, हेमंत उपाध्याय ने बतौर आतिथ्य विचार दिए। अतिथियो का सम्मान परिषद के अध्यक्ष डॉ प्रदीप शुक्ला, संरक्षक सदस्य संजय शर्मा (नगोई), महासचिव संजय गौरहा (शर्मा) कोषाध्यक्ष अनिल तिवारी, अपूर्व तिवारी, हर्ष पांडेय ने किया। महासम्मेलन में अध्ययनशीलता, सुचिता, समदर्शी भाव आदि पर महासभा ने प्रस्ताव पारित किया।
महासम्मेलन का आरम्भ आचार्य पंकजभूषण मिश्र जी की अगुवाई में 21 शंखों की शंखध्वनि से हुआ, 21 विप्रजनों ने वेदपाठ किया, स्वस्तिवाचन के साथ भगवान परशुराम की आरती व चालीसा में हजारो विप्रजन सहभागी बने, शिवम पांडेय गनियारी, महमेरूपीठम ने वेदपाठ का मुग्ध किया। स्वागत गीत वंदिता पांडेय ने प्रस्तुत किया, संगीतमय स्वागत गीत व गाना राजेन्द्र शास्त्री व उपाध्याय ने प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद का लोगो (मोनो) जारी किया गया साथ ही सरयुद्विज पत्रिका के नए अंक का विमोचन किया गया।
उपस्थित अतिथियों व सदस्यों को चंदन, तिलक, परशु पट्टा, बैच लगाकर स्वागत किया गया, अतिथियों व प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया, भगवान परशुराम जी को प्रसाद लगाने लगाकर हजारो विप्रजनों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया, अतिथियों के संबोधन व सामाजिक विचार के बीच जयघोष निरन्तर होता रहा, हजारो सदस्य ने उपस्थित होकर सर्वसम्मत निर्णय लिया है कि समग्र समाज मे सामाजिक सद्भाव बढ़ाने छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद निरन्तर प्रयासरत है और वह अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे। महासम्मेलन में छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण महासंघ, सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा रतनपुर, ब्राह्मण समाज राजकिशोर नगर, नारी कल्याण संगठन बिलासपुर, छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण कल्याण समिति तखतपुर, परशु सेना कोरबा, छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद सकरी, छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण महासंघ जांजगीर, भगवान परशुराम युवा संगठन चाम्पा, छत्तीसगढ़ प्रांतीय अखंड ब्राह्मण समाज रायपुर, छत्तीसगढ़ ब्राह्मण समाज केंद्रीय समिति रायपुर, पांडातराई पंडरिया, रायगढ़ के ब्राह्मण संगठन का सम्मान किया गया।
कुलश्रेष्ठ परिवार में पं रामगोपाल तिवारी परिवार – लोहार जोन्धरा सोन, पं मनहरण लाल पांडेय परिवार – खम्हरिया खेड़ा बछेरा सोढार धरमपुरा रामपुर, पं बद्रीधर दीवान परिवार – देवरी पंधी बरपाली बलौदा, पं लखनलाल शर्मा दुबे परिवार – बदरा ब अमलड़िहा लमती नारायणपुर मारो, कुलश्रेष्ठ गौरहा परिवार – उरतुम कर्मा कड़ार मोछ खैरी बीजा सकर्रा सिंघरी सेमरा सेमरताल कुकेरा, कुलश्रेष्ठ गुरुदीवान परिवार – गतौरा रॉक चंगोरी मोहलाइन नगोई कया, कुलश्रेष्ठ शुक्ला परिवार – तुलसी केरा कनसदा बर्रा भठली मिस्दा उलखर, हरिशंकर दुबे सरकंडा परिवार, कुलश्रेष्ठ पाठक परिवार – घुटकू मुंगेली बटहा गतौरा, समदरिया कुलश्रेष्ठ परिवार – धमनी रहंगी कड़ार कया, कुलश्रेष्ठ मिश्रा परिवार – लिमहा कुँवागांव को कुलश्रेष्ठ परिवार का सम्मान दिया गया, शेष परिवार व समाज को भविष्य में सम्मानित किया जाएगा। बिलासपुर के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी सम्मानित किया गया है।
सम्मेलन स्थल अशोकवाटिका में वैवाहिक पंजीयन, सरयुद्विज पत्रिका, परम्परागत व्यंजन, समाज के लेखकों के साहित्य, सदस्यता स्टाल, पूजापाठ सामग्री, बहुउद्देशीय नया भवन परिसर, वंशवृक्ष, ज्योतिष, पुरखा के सुरता, दानदाताओं की सूची, महिला संस्था अंचल, गैस, चूड़ी ज्वैलरी, साड़ी, स्वास्थ्य, स्कूल आदि का स्टाल सामाजिक लोगो का लगाया गया।
महासम्मेलन कार्यक्रम का संचालन महासचिव संजय गौरहा (शर्मा) के अगुवाई में अनिल तिवारी, सस्मिता शर्मा व रश्मि द्विवेदी ने किया। महासम्मेलन में परिषद के तय विषय पर परिचर्चा करते हुए उसे अलग अलग सत्र में विभाजित किया गया था, सामाजिक प्रतिष्ठित व विद्वान विप्रजनों द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास में ब्राह्मणों का योगदान, धर्म व आचरण, युवाओं की दशा व दिशा, महिला शक्ति, युवाओं के लिए रोजगार, साहित्य व पुरातात्विक धरोहर, बेहतर स्वास्थ्य, रोजगारमूलक शिक्षा, सुसंगत न्याय, प्रगतिशीलता, सकारात्मकता आदि विषय पर व्याख्यान, परिचर्चा व संगोष्ठीआयोजित किया गया। पं अमित दुबे अशोकवाटिका व पं हरीश शर्मा श्यामा टेंट वाले का अभिनंदन किया गया। समस्त अतिथियो व प्रतिभागियों को परिषद के पदाधिकारियों ने स्मृति चिन्ह भेंट किया।
सांध्य बेला में पलक पांडेय व श्रुति द्वारा क्लासिकल, सामूहिक सुवा नृत्य शिला शर्मा, मधु शुक्ला, साधना शर्मा, कमला तिवारी, वंदिता पांडेय, सस्मिता शर्मा, सुधा पांडेय, नीलू चौबे, मीना दुबे, मनोरमा शर्मा ने प्रस्तुति दी। गौरी शर्मा ने गीत, वंदिता पांडेय व सस्मिता शर्मा ने प्रहसन प्रस्तुत किया, अंशिका जोशी व मास्टर आशुतोष ने शानदार प्रस्तुति दी, फिर संगीतमय गायन के बाद आसपास के प्रतिष्ठित 21 कवियों ने विनय पाठक व हरबंश शुक्ला के अगुवाई में देर तक कविता पाठ किया। भगवान परशूराम की महाआरती में सैकड़ो लोगो ने आरती में भाग लिया और कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
समाज के लोगो ने परिवार व रिश्तेदारों सहित उपस्थिति दी जिससे आयोजन स्थल में हजारो की संख्या में विप्रजनों की सहभागिता थी,
छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद की के महासम्मेलन में डॉ प्रदीप शुक्ला, संजय बसंत शर्मा, अपूर्व तिवारी, संजय गौरहा (शर्मा), अनिल तिवारी, नागेंद्र धर शर्मा, रविन्द्र धर दीवान, अश्वनी मिश्रा, नवरत्न शुक्ला, राकेश गौरहा, हरबंश शुक्ला, हर्ष पांडेय, राघवेंद्र धर दीवान, चंद्रशेखर पांडेय, उमाशंकर शर्मा, राजेश पांडेय, चंद्रकांत पांडेय, रमाकांत शर्मा, देवव्रत मिश्रा, कौशल तिवारी, प्रमोद शर्मा, हेमंत शर्मा, जयश्री शुक्ला, संगीता शुक्ला, रश्मि द्विवेदी, सस्मिता शर्मा, आरती दुबे, देवव्रत मिश्रा, आदित्य शुक्ला, धर्मेंद्र गौरहा, शैलेश चौबे, रोशन शर्मा, संजय पांडे, हेमंत गौरहा, अनिल दीवान, सनत दुबे, हर्ष पांडेय, राजेश मिश्रा, चेतन धर दीवान, आस्था शुक्ला, आरुषि शुक्ला, रमा शर्मा, ज्योतिंद्र उपाध्याय, रविन्द्र उपाध्याय आदि हजारो विप्रजन उपस्थित थे।