छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग व संचालक शिक्षा से मांग किया है कि जिन शिक्षको का न्यायालयीन प्रकरण शिक्षको के पक्ष में निराकृत कर उन्हें निरन्तर सेवा दिया जा चुका है, ऐसे सभी शिक्षक संवर्ग को अविलम्ब लंबित वेतन का भुगतान किया जावे साथ ही नियमानुसार तत्काल उनका संविलियन आदेश भी जारी किया जावे।
शासन के निर्देशानुसार प्रदेश में शिक्षक (पं.) संवर्ग के शिक्षकों का 2018 में तथा इसके बाद 8 वर्ष सेवाअवधि पूर्ण करने वाले तथा 2020 के पश्चात् 2 वर्ष सेवाअवधि पूर्ण करने वाले शिक्षकों का पूर्ण संविलियन कर दिया गया। साथ ही नई शिक्षक भर्ती में भी नियमित शिक्षकों की भर्ती कर शिक्षाकर्मी व्यवस्था को छत्तीसगढ़ प्रदेश में खत्म कर दिया गया है।
परन्तु वर्तमान में शिक्षक (पं.) संवर्ग के ऐसे लगभग 300 शिक्षक न्यायालयीन प्रकरण एवं अन्य कारणों से प्रदेश में सेवारत् हैं, जिनका स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन नहीं हुआ है। प्रदेश में शिक्षक (पं.) संवर्ग के शिक्षकों का संविलियन अंतिम बार 1 नवम्बर 2020 को हुआ है, इसके पश्चात् न्यायालयीन प्रकरण एवं अन्य कारणों से पीड़ित शिक्षक, प्रकरण से मुक्त हो जाने के पश्चात भी उच्च कार्यालय के उचित निर्देश की प्रत्याशा में संविलियन से वंचित हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग का संविलियन आदेश दिनांक 23 जुलाई 2020 के बिन्दु क्रमांक 04 में प्रावधानित है कि न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण पर संविलियन न्यायालयीन निर्णय के अधीन रहेगा, अतः न्यायालय के निर्णय के पश्चात् 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक संवर्ग का संविलियन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया जाना है, केवल नए नोटिफिकेशन के नाम पर रोड़ा लगाया गया है,,संविलियन आदेश नहीं होने के कारण उक्त प्रकरण से संबंधित शिक्षक संवर्ग को 6 माह से वेतन अप्राप्त है।
ज्ञात हो कि ऐसे शिक्षको के मामले में जनपद पंचायत सीईओ द्वारा 2 वर्ष पूर्ण होने पर संविलियन हेतु नस्ती सम्बंधित बीईओ को, बीईओ द्वारा डीईओ को और व्याख्याता हेतु डीपीआई को भेजा गया है किंतु उच्च अधिकारियों के निर्देश के बिना उन्हें संविलियन नही किया गया और इसीलिए उनका वेतन ही नही बनाया गया है,,जनपद पंचायत द्वारा संविलियन हेतु नस्ती शिक्षा विभाग को भेज देने के कारण वेतन नही बनाया गया है, ऐसे 300 शिक्षकं संवर्ग अधर में लटक गये है।
संजय शर्मा ने कहा है कि प्रावधानित नियम के बावजूद शिक्षको को संविलियन से वंचित रखा गया है, प्रदेश के शिक्षक (पंचायत/ननि) संवर्ग के लगभग 300 सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं व्याख्याता के संविलियन हेतु स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए उन्हें अविलम्ब वेतन दिया जावे।