शिक्षाकर्मियों के समस्याओं के अंत के लिए उल्टी गिनती शुरू एक दो दिनों में कमेटी सौपेगी सरकार को अपनी रिपोर्ट..अध्ययन पश्चात मुख्यमंत्री जी करेंगे संविलियन की घोषणा..प्रांतीय संचालक संजय शर्मा ने कहा त्रुटि रहित हो संविलियन का निर्णय

0
4771

रायपुर 31 मई 2018।लंबे अंतराल के बाद अब शिक्षाकर्मियों के समस्याओं का निदान होने का समय नजदीक आ रहा है।अब इसके लिए उल्टी गिनती शुरु हो गई है।सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि एक-दो दिनों के अंदर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शिक्षाकर्मियों के समस्याओं के लिए गठित समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।माना जा रहा है कि इस बार कमेटी का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा।ज्ञात हो कि कमेटी के कार्यकाल बढ़ाए जाने से शिक्षाकर्मियों में भारी आक्रोश पनपने लगा था और इसके विरोध में लगातार शिक्षा कर्मी अवकाश में भी नए नए तरीके से आंदोलनरत रहे हैं। अपर मुख्य सचिव आर पी मंडल के अनुसार शिक्षाकर्मियों के संविलियन का ड्राफ्ट बन चुका है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री जी को सौंप दिया जाएगा।इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री जी को ही करना है।अब देखने वाली बात यह है कि कमेटी द्वारा राजस्थान और मध्यप्रदेश के दौरा करने के पश्चात क्या छत्तीसगढ़ में संविलियन की नीति इन दोनों राज्यों से बेहतर होगा या फिर मध्य प्रदेश की तरह संविलियन की घोषणा होते ही संविलियन नीति विवादों से घिर जाएगी। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार को ऐसे संविलियन नीति बनानी चाहिए कि जो त्रुटि रहित हो।संविलियन की घोषणा होने के पश्चात किसी भी प्रकार की शंका की गुंजाइश उस नीति में न हो तो वह प्रदेश के शिक्षाकर्मियों और सरकार दोनों के लिए बेहतर होगा।शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, प्रदेश उप संचालक हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक, सुधीर प्रधान, विवेक दुबे, वाजिद खान, प्रहलाद सिंह, आयुष पिल्लै, शैलेंद्र यदु, संजय उपाध्याय ने मुख्यमंत्री जी से मांग करते हुए कहा है कि समनुपतिक वेतन और क्रमोन्नति का लाभ प्रदान करते हुए संविलियन किया जाए।
मोर्चा संचालक संजय शर्मा ने मांग किया है कि“समतुल्य वेतन निर्धारण की विसंगति दूर करते हुए समानुपातिक, क्रमोन्नति के आधार पर छठवे ( समतुल्य/ पुनरीक्षित) वेतनमान का निर्धारण कर विद्यमान वेतन पर सातवें वेतनमान के निर्धारण का लाभ देते हुए व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक के पद पर ही संविलियन स्वीकार होगा।” जिससे कि संविलियन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की त्रुटि नही हो।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.