बालोद। भीषण गर्मी और तपिश से बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव, बच्चो की नगण्य उपस्थिति,स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के अभाव से समर कैम्प से उद्देश्यपूर्ति में संदेह
शिक्षक अन्य कर्मचारियों से पृथक, इसलिए शिक्षकों की अलग शिक्षा संहिता, जिसमे शिक्षकों को एकमुश्त ग्रीष्मावकाश देने की व्यवस्था, क्योंकि शिक्षकों को नही मिलता अन्य कर्मचारियों की भांति शनिवार की छुट्टी
शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने कहा 45 दिनों तक भीषण गर्मी में समर कैम्प चलाना अव्यवहारिक,सप्ताह,10 दिन के होते है समर कैम्प। संघ ने दिया सुझाव 10 मई परीक्षा परिणाम घोषित करने के दिन ही खत्म हो समर कैम्प, तत्पश्चात बच्चो और शिक्षकों को मिले ग्रीष्मावकाश।*
आज शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा के नेतृत्व में आज कलेक्टर बालोद को समर कैम्प को स्थगित करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उपरोक्त बिंदुओं का उल्लेख करते हुए मांग की गई की भीषण गर्मी में इस कैम्प को संचालित करने से बच्चो के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। मौसम की विकरालता को देखकर ही स्कूलों में ग्रीष्मावकाश की व्यवस्था की गई है। इसी तरह यह शिक्षा संहिता के तहत शिक्षकों को प्रदत्त एक मुश्त मिलने वाले ग्रीष्मकालीन अवकाश के मूल आशय से भी छेड़छाड़ है क्योंकि शिक्षकों को अन्य कर्मचारियों की भांति शनिवार को छुट्टी नही मिलती। इसलिए इस समरकैम्प को स्थगित किया जावे।
जिलाध्यक्ष के साथ ज्ञापन देने वालो में खिलेश्वर गंजीर जिला उपाध्यक्ष,धनेश्वरी सोनवानी ब्लाक उपाध्यक्ष, कैशरीन बेग आदि पदाधिकारी सम्मलित थे।