दिल्ली। प्रदेश में दिवंगत शिक्षाकर्मियों के लगभग 3500 आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पा रहा है ।इससे इन परिवारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है ।ऐसे में ऐसे संवेदनशील मामले को लोकसभा में मध्य प्रदेश के सांसद उदय प्रताप सिंह ने उठाया यदि इस पर केंद्र सरकार की ओर से शिथिलता प्रदान की जाती है तो निश्चित रूप से इसका लाभ प्रदेश के दिवंगत शिक्षा कर्मियों के आश्रितों को मिल सकेगा।
माननीय सांसद ने लोकसभा में कहा
माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी के समक्ष प्रश्नकाल में कहा कि “आपके माध्यम से सदन का ध्यान एक महत्वपूर्ण विषय पर दिलाना चाहता हूँ कि, शिक्षा के अधिकार के तहत अध्यापकों की नियुक्ति कर उनकी सेवाएं देश में ली जाती हैं, जिसमें अचानक मृत्यु होने पर केवल उन्हीं मामलों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाती है जहाँ पात्रों की शिक्षा बी.एड., डी. एड. या टी.ई.टी. कर चुके होते हैं”, अध्यक्ष महोदय से मैंने कहा कि मृत्यु अचानक होने पर यह आवश्यक नही हो पाता कि परिजनों ने यह शिक्षा पूरी कराई हो। मैंने कहा कि ऐसे मामलों में भी अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जानी चाहिए तथा इन विभिन्न कोर्स के लिए सरकार द्वारा समयावधि प्रदान की जानी चाहिये।
अध्यक्ष महोदय के माध्यम से मैंने सदन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि केवल हमारे मध्यप्रदेश में ही इस तरह के 1500 मामले हैं, जहाँ पद रिक्त पड़े हुए हैं। इस विचार पर निर्णय से जिन परिवारों को आकस्मिक मृत्यु के कष्ट को सहन करना पड़ रहा है उन्हें सम्बल मिलेगा साथ ही पात्र लोगों को इसका लाभ प्राप्त होगा।
माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी के समक्ष प्रश्नकाल में कहा कि "आपके माध्यम से सदन का ध्यान एक महत्वपूर्ण विषय पर…
Posted by Uday Pratap Singh on Monday, 1 July 2019