पूर्व सेवा के आधार पर क्रमोन्नति, पदोन्नति की मांग: पदोन्नति में भेदभाव क्यों?

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छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बिलासपुर संभाग प्रभारी बसंत चतुर्वेदी ने कहा है कि शिक्षकों की पदोन्नति व क्रमोन्नति की मांग सोशल मीडिया में जोर पकड़ता जा रहा है सभी शिक्षक लगातार इस अभियान में सहभागी बन रहे हैं इस अभियान के माध्यम से ट्वीटर व फेसबुक में पोस्ट करके मुख्यमंत्री जी से शिक्षकीय सेवा के आधार पर पदोन्नति व क्रमोन्नति की मांग कर रहे हैं । जब सभी विभाग में पदोन्नति जारी है तो शिक्षा विभाग में पदोन्नति क्यों नहीं, हजारों शिक्षक संवर्ग को 23 वर्ष की शिक्षक की सेवा में भी क्रमोन्नति नहीं दी गई है, 1998 से लगातार भर्ती किए गए हजारों शिक्षा कर्मियों को आज तक क्रमोन्नति व पदोन्नति नहीं मिला, एक ही पद पर 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमोन्नति का प्रावधान है किंतु नियम कायदे के चक्कर में विभाग ने शोषण ही किया है।*
*💐*जिला संयोजक विजय प्रधान ने कहा की 1998 से अब तक शासकीय शाला में ही शिक्षक सेवारत है उनकी पुरानी सेवा को आधार बनाकर ही संविलियन किया गया है ऐसे में उस सेवा व अनुभव को आधार बनाकर शिक्षा विभाग में पदोन्नति व क्रमोन्नति क्यों नहीं दिया जा रहा है। शिक्षा विभाग के नया भर्ती नियम 2019 में कई संशोधन का सुझाव दिया गया किंतु विभाग ने इसे दरकिनार करते हुए नियम बनाया है इससे एल बी संवर्ग को क्रमोन्नति व पदोन्नति देने अधिकारी बाधा बना रहे हैं इस नियम में एल बी संवर्ग से भेदभाव किया जा रहा है।*
*🌸*एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह व सचिव बोधीराम साहू ने कहा की शिक्षा विभाग को पूरे समर्पण से सेवा देने वाले शिक्षक संवर्ग के पदोन्नति व क्रमोन्नति के विषय में लाभ प्रदान करने की जिम्मेदारी विभाग की है शिक्षक संवर्ग लगातार क्रमोन्नति, पदोन्नति की मांग कर रहे हैं किंतु विभागीय नियम निर्देश व प्रक्रिया के अभाव में शिक्षक इस लाभ से वंचित हैं शिक्षा विभाग में लगभग 46000 पद रिक्त हैं प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के 22,000 मिडिल प्रधान पाठक के 6000 व्याख्याता के 10,000 शिक्षक के 8000 पर पदोन्नति हेतु रिक्त है साथ ही प्राचार्य के पद की गणना शेष है इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि 22000 प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक का पद 14 वर्ष से रिक्त है शिक्षा विभाग में भर्ती व पदोन्नति नियम 2019 में पदोन्नति हेतु 5 वर्ष की सेवा अनुभव का प्रावधान किया गया है एल बी संवर्ग के शिक्षकों का शिक्षकीय सेवा के आधार अनुभव 22 वर्ष तक का है शिक्षकीय सेवा के आधार पर प्रदेश के हजारों रिक्त पदों को पदोन्नत्ति से पूर्ति किया जाए। छत्तीसगढ़ शासन में शोषण की पराकाष्ठा ही है की 22 वर्ष की शिक्षक की सेवा के बाद भी हजारों एल बी संवर्ग के शिक्षक पदोन्नति क्रमोन्नति से वंचित है। सरकार ने अपने जन घोषणापत्र में पदोन्नति से वंचित एल बी संवर्ग के शिक्षकों को क्रमोन्नति देने का वादा किया है प्रथम नियुक्ति के आधार पर सेवा काल की गणना कर 10 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षकों को क्रमोन्नति दिया जाए शिक्षकीय सेवा का आधार पर एलबी संवर्ग के शिक्षकों को क्रमोन्नति व पदोन्नति देने के लिए शिक्षा विभाग को तत्काल निर्णय लेना चाहिए।*
*छग टीचर्स एसोसिएशन के जिला प्रवक्ता आशीष मिश्रा व जिला पर्यवेक्षक आशीष सिंह ने बताया है कि जिले के लगभग हजारों शिक्षक एलबी संवर्ग को पात्रता के बाद भी क्रमोन्नति पदोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है जिसे वे हतोत्साहित हो रहे हैं कई शिक्षक तो ऐसे हैं जो विगत 22– 23 वर्षों से एक ही पद पर कार्य कर रहे हैं उनको ना तो पदोन्नति दी जा रही है और ना ही क्रमोन्नति ऐसा भी नहीं है की पदोन्नति के लिए पद ना हो इसके लिए प्रदेश व जिले में सैकड़ों पद रिक्त है शिक्षा विभाग के स्कूलों में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक तथा प्राचार्य का पद केवल पदोन्नति से ही भरा जा सकता है इन पदों पर सीधी भर्ती का प्रधान नहीं है इसके साथ ही प्राथमिक प्रधान पाठक के रिक्त पदों को केवल ई एल बी संवर्ग के सहायक शिक्षकों से ही भरा जा सकता है क्योंकि जिले में ई संवर्ग के सहायक शिक्षक नहीं है, पदोन्नति कर्मचारियों को श्रेष्ठ कार्य करने पर प्रोत्साहित करता है साथ ही कर्मचारियों के मनोबल वृद्धि में पदोन्नति का महत्व स्वयं सिद्ध है।*
*🌸*जिला उपाध्यक्ष माखन राठौर व महासचिव उमेश दुबे ने कहा के यह बात सत्य है की सभी कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जा सकती है तो कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति का प्रावधान किया गया है क्रमोन्नति में कर्मचारी का वेतन बढ़ जाता है लेकिन पद वही रहता है स्कूल शिक्षा विभाग के भर्ती व पदोन्नति नियमों के अनुसार 5 साल के शिक्षकीय सेवा के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान है साथी पदोन्नति नहीं मिलने पर 10 साल की सेवा पर क्रमोन्नति का नियम है।*
*ब्लॉक अध्यक्ष उमेश तेम्बूलकर व मिडिया प्रभारी शिव पटेल ने कहा कि शिक्षक संवर्ग लंबे समय से वेतन विसंगति का शिकार है, वेतन विसंगति से खास तौर पर सहायक शिक्षक संवर्ग पीड़ित हैं, वेतन विसंगति को दूर करने का एक महत्वपूर्ण रास्ता पदोन्नति व क्रमोन्नति है सरकार इसे अविलंब पूरा करे।

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