रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में मीसा बंदियों की पेंशन योजना को पूरी तरह बंद कर दिया है। सरकार ने गुस्र्वार को एक अध्यादेश जारी कर उस नियम को ही खत्म कर दिया है, जिसके तहत पेंशन राशि दी जा रही थी।पेंशन देने के संबंध में जारी अध्यादेश को रद्द किए जाने के बाद अब मीसा बंदी करीब एक वर्ष से रोकी गई पेंशन राशि देने की मांग करने की तैयारी में हैं। मीसा बंदियों के संगठन लोकतंत्र सेनानी संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार ने अध्यादेश को 23 जनवरी 2020 को रद किया है, जबकि हाई कोर्ट ने पहले ही पेंशन और एरियर्स देने का आदेश दिया था।कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि तत्कालीन भाजपा की रमन सरकार द्वारा भाजपा और आरएसएस के नेताओं को खुश करने के लिए और अपना नंबर बढ़ाने के लिए वर्ष 2008 में कानून बनाकर मीसा बंदियों को राशि प्रदान करने का आदेश पारित किया था, जिसे सम्मान निधि कहा जाता था। प्रदेश के उन भाजपा और आरएसएस के नेताओं का चयन करके जिनक देश की आजादी की लड़ाई से कोई वास्ता नहीं था।