क्रमोन्नति के लिए, इस पंक्ति से जागरूक कर रहे शिक्षक…सोशल मीडिया में शिक्षक क्रमोन्नति की ही चर्चा कर रहे….अगस्त क्रांति और जय क्रमोन्नति है नारा
आरम्भ है.
प्रचण्ड.
बोले मस्तकों के झुण्ड है.
आगे तू बढ़ा है तो आगे ही तू चलता चल.
तेरी भुजाओं के प्रताप से झुका है आसमान.
अपने प्रबल वेग से तू बाधाओं को तोड़ता चल.
आरम्भ है.
प्रचंड.
बोले मस्तकों के झुण्ड है.
हर दिशाओं में तेरी शपथ का जोर हो.
जर्रे जर्रे कह उठे तेरी शपथ का शोर हो.
आरम्भ है.
प्रचंड.
बोले मस्तकों के झुण्ड है.
किंचित नही हुआ भयभीत कभी फिर डरता किस शोर से है.
तेरी ही विजय होगी यहीं चर्चा चारों ओर है.
आरम्भ है.
प्रचंड.
बोले मस्तकों के झुण्ड है.
अधिकारों की पुकार झकझोरती है,हम सभी को यहाँ.
लेकिन उसे पाने के लिए बाधाएं ललकारती है,हम सभी को यहाँ.