कोरोना ने ली फिर एक शिक्षक की जान….अंतर्राज्यीय उड़ीसा सीमा के किलकिला चेकपोस्ट में था ड्यूटीरत

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रायगढ़। कोरोना के इस वैश्विक महामारी में कोरोना संबंधी ड्यूटी के दौरान छत्तीसगढ़ में लगातार शिक्षको का असमय मौत हो रहा है। अभी तक देखे तो करीब दो दर्जन शिक्षक कोरोना से असमय काल के गाल में समा गए है। वैसे तो छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षको से गैर शिक्षकीय काम नही कराने का आदेश प्रमुख सचिव शिक्षा श्री आलोक शुक्ला जी द्वारा जारी किया गया हैं, लेकिन उसका नीचे पालन कहा हो रहा हैं। प्रायः देखा गया हैं कि जहाँ भी अतिरिक्त कार्य की बारी आती हैं बेचारा असहाय शिक्षक ही सभी के नजर में दिखता हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश सँयुक्त शिक्षक संघ द्वारा राज्य सरकार, मा मुख्यमंत्री का लगातार इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कोरोना संबधी कार्य करने वाले शिक्षको के लिए अन्य कोरोना वारियर्स की तरह ही 50 लाख का सुरक्षा बीमा, सुरक्षा उपकरण, ड्यूटी में व्यवस्था आदि का मांग लगातार किया जाता रहा हैं। श्री अजीत कुमार एक्का सहायक शिक्षक एलबी के पद पर शासकीय प्राथमिक बसंतपुर विकासखंड लैलूंगा जिला रायगढ में पदस्थ थे। कोरोना काल मे उड़ीसा अन्तर्राज्यीय चेकपोस्ट किलकिला में एस डी एम लैलूंगा द्वारा इनका ड्यूटी लगाया गया था। जहाँ रात्रि 10 बजे से सुबह 08 बजे तक ड्यूटी करना पड़ता था। इसी दौरान शिक्षक अजीत कुमार एक्का कोरोना की चपेट में आ गए। जिनको 27 अक्तूबर को रायगढ के शासकीय कोविड-19 सेंटर में ईलाज हेतु भर्ती कराया गया। तबियत बिगड़ने पर आईसीयू में भर्ती रहे, और आज 01 नवंबर 2020 को असमय ही देहांत हो गया। अपने पीछे बीबी ,छोटे छोटे बच्चे सहित माता पिता को असहाय छोड़ गए। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के उप प्रांताध्यक्ष गिरजा शंकर शुक्ला, प्रांतीय महामंत्री श्रीमती टेरेसा केरकेट्टा, रायगढ जिलाध्यक्ष राजकमल पटेल, जिलाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ श्रीमती भावना शर्मा, जिला पदाधिकारी पंकज पटनायक, सत्यप्रकाश बेहरा, सुरेंद्र पटनायक, लैलूंगा विख अध्यक्ष शैलेष बेहरा ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से मांग किया हैं कि दिवंगत शिक्षक श्री अजीत कुमार एक्का के आश्रित को तत्काल 50 लाख की सहायता राशि एवं सहायक शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जाए। साथ ही शिक्षको को कोरोना संबधी ड्यूटी से तत्काल मुक्त किया जाए।

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