रायपुर 22 मई 2018। संविलियन के 23 वर्ष पुरानी शिक्षाकर्मियों की मांगों को सरकार ने पूरा तो कर दिया लेकिन अब भी संविलियन के प्रारूप सार्वजनिक नहीं होने से शिक्षाकर्मी कई सवालों में उलझे हुए हैं।अभी सिवाय प्रेस नोट के कुछ भी सार्वजनिक नहीं हुआ है। जिससे तरह-तरह के यक्ष प्रश्न शिक्षाकर्मियों के सामने खड़े हुए हैं।शिक्षाकर्मियों को लगने लगा है कि क्या वास्तव में संविलियन होने से हमारी सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।या फिर से एक बार हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन विषयों को लेकर शिक्षाकर्मियों में चिंता व्याप्त है।शिक्षाकर्मियों की जो प्रमुख चिंता है वह निम्न विषयों को लेकर अधिक है-
🔴क्या सातवें वेतन का निर्धारण ठीक उसी प्रकार से होगा जो अन्य कर्मचारियों का हुआ था शिक्षा कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ एवं गणना 1 जनवरी 2016 से किया जाएगा।
🔵 जैसे छठवें वेतनमान के लाभ देते समय वरिष्ठता का ध्यान रखते हुए वेटेज का लाभ दिया गया था क्या 8 साल से अधिक के शिक्षाकर्मियों को वेतन वृद्धि अथवा वेटेज का लाभ प्राप्त होगा।
🔴 शिक्षाकर्मियों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ कब से मिलेगा क्या प्रथम नियुक्ति तिथि से 10 वर्ष पूर्ण करने पर क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ मिलेगा या 1 जुलाई 2018 से 10 वर्ष पूर्ण करने पर इसका लाभ मिलेगा।
🔵 वेतन भुगतान शिक्षाकर्मियों की सबसे बड़ी समस्या रही है ।क्या अब वेतन का भुगतान आवंटन पद्धति से ही होगा या अब कोषालय के माध्यम से वेतन भुगतान की व्यवस्था की जाएगी।
🔵 यदि वर्तमान में शिक्षाकर्मियों की सबसे बड़ी पीड़ा है तो वह है अनुकंपा नियुक्ति की तो 1 जुलाई 2018 के पूर्व दिवंगत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों को क्या अनुकंपा नियुक्ति का लाभ शिक्षा विभाग में प्रावधान के तहत लिपिक अथवा चतुर्थ वर्ग कर्मचारी में भी अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता दी जाएगी।
शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा,वीरेंद्र दुबे,केदार जैन ने मुख्य सचिव से मिलने का समय मांगा है जिससे कि उन्हें संविलियन नीति में व्याप्त त्रुटि से अवगत कराया जाए। मुलाकात में प्रमुखता से वर्ग 3 के समानुपातिक वेतनमान एवं क्रमोन्नत वेतनमान को पूरा करने के लिए तथ्यात्मक जानकारी के साथ चर्चा भी मुख्य सचिव से किया जाएगा।